केंद्र सरकार की नई योजना: पहली नौकरी करने वाले युवाओं को मिलेगा 15,000 रुपये का प्रोत्साहन
नई नौकरी के लिए आर्थिक सहायता
नई दिल्ली: यदि आप अपनी पहली नौकरी शुरू करने जा रहे हैं या रोजगार की खोज में हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। केंद्र सरकार अब नई नौकरी ज्वाइन करने वाले युवाओं को आर्थिक प्रोत्साहन देने की योजना बना रही है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने एक ट्वीट के माध्यम से बताया है कि 'प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना' (PMVRY) के तहत सरकार योग्य कर्मचारियों को 15,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करेगी। मंत्रालय ने युवाओं को इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन करने की सलाह दी है।
किसे और कैसे मिलेगा इस योजना का लाभ
मंत्रालय के अनुसार, यह 15,000 रुपये की राशि केवल उन व्यक्तियों को दी जाएगी जो पहली बार नौकरी कर रहे हैं और जिनका पहली बार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में रजिस्ट्रेशन हो रहा है। जैसे ही कोई युवा नौकरी शुरू करता है और उसका पीएफ खाता खुलता है, वह ईपीएफओ में रजिस्टर्ड हो जाता है। इसके बाद, जब उसका खाता आधार से लिंक हो जाता है, तो वह इस योजना के लिए पात्र हो जाता है। इस प्रोत्साहन राशि को प्राप्त करने के लिए कर्मचारी pmvry.labour.gov.in पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। यह प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल माध्यम से की जा सकती है।
पुराने कर्मचारियों के लिए पीएफ निकासी के नियम में बदलाव
जहां नए कर्मचारियों को सरकार आर्थिक सहायता दे रही है, वहीं पुराने ईपीएफओ सदस्यों के लिए भी पैसे निकालना अब पहले से कहीं अधिक सरल हो गया है। नए नियमों के अनुसार, आप अपनी या परिवार के किसी सदस्य की शादी, घर खरीदने, मरम्मत कराने, बच्चों की पढ़ाई या बीमारी के इलाज के लिए आसानी से पैसे निकाल सकते हैं। खबरों के अनुसार, ईपीएफओ जल्द ही एटीएम कार्ड के माध्यम से निकासी की सुविधा भी शुरू करने की योजना बना रहा है, जिससे खाताधारकों को बार-बार दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
नौकरी छूटने या शादी पर निकासी की राशि
पीएफ से निकासी की राशि आपकी जरूरत और जमा पूंजी पर निर्भर करती है। नियमों के अनुसार, यदि आपकी नौकरी छूट जाती है, तो आप तुरंत अपने कुल पीएफ का 75 प्रतिशत निकाल सकते हैं। यदि आप लगातार 12 महीने तक बेरोजगार रहते हैं, तो आप बाकी 25 प्रतिशत भी निकालकर खाता बंद कर सकते हैं। इसके अलावा, शादी के खर्च के लिए 7 साल की नौकरी पूरी होने पर जमा राशि का 50 प्रतिशत तक निकाला जा सकता है। बीमारी के इलाज के लिए नियमों में काफी लचीलापन है; इसके लिए सेवा अवधि की कोई बाध्यता नहीं है और आप इलाज के लिए पूरी राशि या 6 महीने की सैलरी के बराबर पैसे निकाल सकते हैं।
