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केंद्र सरकार जीएसटी संरचना में सुधार की योजना बना रही है

केंद्र सरकार जीएसटी संरचना में महत्वपूर्ण सुधार करने की योजना बना रही है, जिससे 40 हजार करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हो सकता है। प्रस्तावित बदलावों में जीएसटी दरों को सरल बनाना शामिल है, जिसमें केवल तीन दरें लागू होंगी। इसके अलावा, ऑनलाइन गेमिंग पर भी इसका असर पड़ेगा। सरकार स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी समाप्त करने पर विचार कर रही है, जिससे आम लोगों को राहत मिलेगी। नई दरें अक्टूबर में लागू होने की संभावना है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे त्योहारों के लिए एक 'तोहफा' बताया है।
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जीएसटी में प्रस्तावित बदलाव

केंद्र सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली में महत्वपूर्ण सुधार करने की योजना बना रही है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, प्रस्तावित परिवर्तनों से लगभग 40 हजार करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हो सकता है। यह बदलाव न केवल केंद्र सरकार, बल्कि राज्य सरकारों की आय पर भी प्रभाव डालेगा। जीएसटी सचिवालय की फिटमेंट कमेटी ने इस पर एक प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की है।


नए जीएसटी ढांचे में दरों को सरल बनाने की योजना है। वर्तमान में लागू कई स्लैब के स्थान पर केवल तीन दरें – 5 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 40 प्रतिशत लागू होंगी। 40 प्रतिशत की दर विशेष रूप से सिगरेट और तंबाकू जैसे 'सिन गुड्स' पर लागू होगी। 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत वाले स्लैब को समाप्त करने की संभावना है। यह प्रस्ताव 20 और 21 अगस्त को आयोजित मंत्रियों के समूह की बैठक में स्वीकृत किया गया।


ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर भी इसका बड़ा असर देखने को मिलेगा। हाल ही में सरकार ने इस क्षेत्र पर सख्ती बढ़ाने के लिए कानूनी कदम उठाए हैं। अनुमान है कि इससे ऑनलाइन गेमिंग से जीएसटी और टीडीएस के माध्यम से मिलने वाला लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का राजस्व घट सकता है।


सरकार स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी समाप्त करने पर विचार कर रही है, जिससे आम लोगों को राहत मिलेगी। यदि यह लागू होता है, तो लाखों परिवारों को खर्च में कमी का लाभ मिलेगा। मंत्रालय का मानना है कि जो राजस्व का नुकसान होगा, वह उपभोक्ता खर्च बढ़ने से धीरे-धीरे पूरा हो जाएगा।


जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक 3 और 4 सितंबर को दिल्ली में आयोजित की जाएगी। यदि सभी प्रक्रियाएं समय पर पूरी होती हैं, तो नई दरें अक्टूबर की शुरुआत, यानी दशहरे तक लागू की जा सकती हैं।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के भाषण में इस बदलाव का संकेत दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगली पीढ़ी का जीएसटी सुधार लागू किया जाएगा, जिससे आम नागरिकों पर कर का बोझ कम होगा। उन्होंने इसे देशवासियों के लिए आने वाले त्योहारों पर एक 'तोहफा' बताया।