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केंद्र सरकार ने NSCN-K को 5 साल के लिए गैरकानूनी घोषित किया

केंद्र सरकार ने NSCN-K को 5 वर्षों के लिए गैरकानूनी घोषित कर दिया है, जिससे पूर्वोत्तर में शांति और स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा। गृह मंत्रालय ने इस संगठन के खिलाफ कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है, जिसमें इसकी संपत्ति जब्त करने और इसके सदस्यों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शामिल है। यह कदम भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी प्रशासन को दें।
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केंद्र सरकार ने NSCN-K को 5 साल के लिए गैरकानूनी घोषित किया

NSCN-K पर केंद्र का कड़ा कदम

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सोमवार को नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-खापलांग (NSCN-K) पर प्रतिबंध लगा दिया है। गृह मंत्रालय ने NSCN-K और उससे जुड़े सभी संगठनों को 5 वर्षों के लिए 'गैरकानूनी संघ' घोषित किया है। यह प्रतिबंध 28 सितंबर से प्रभावी होगा।


गृह मंत्रालय के आदेश में इस प्रतिबंध का कारण स्पष्ट किया गया है। मंत्रालय के अनुसार, NSCN-K का मुख्य उद्देश्य भारत और म्यांमार के क्षेत्रों को मिलाकर एक 'संप्रभु नागालैंड' की स्थापना करना है, जो भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए गंभीर खतरा है।


आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि यह संगठन सरकारी अधिकारियों और आम नागरिकों के अपहरण जैसी हिंसक गतिविधियों में संलग्न रहा है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि ऐसे संगठनों की गतिविधियों पर रोक लगाना और उनके खिलाफ कठोर कदम उठाना आवश्यक है।


इस निर्णय के बाद सुरक्षा एजेंसियों को NSCN-K और उसके गुटों की संपत्ति जब्त करने का अधिकार प्राप्त होगा। इसके अलावा, संगठन से जुड़े व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सरकार का यह कदम न केवल सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए है, बल्कि पूर्वोत्तर में स्थायी शांति स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास भी है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत स्थानीय प्रशासन या पुलिस को दें।