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केंद्र सरकार ने पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत ई-रिक्शा सब्सिडी बंद की

केंद्र सरकार ने पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत इलेक्ट्रिक ई-रिक्शा पर दी जाने वाली सब्सिडी को समाप्त करने का निर्णय लिया है। अधिकारियों का कहना है कि योजना के लक्ष्यों को पूरा कर लिया गया है। हालांकि, दो-पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की स्थिति अभी भी कमजोर है। सरकार अब राज्यों से अपेक्षा कर रही है कि वे अपनी नीतियों के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में तेजी लाएं। जानें इस निर्णय के पीछे के कारण और भविष्य की योजनाएं।
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केंद्र सरकार ने पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत ई-रिक्शा सब्सिडी बंद की

नई दिल्ली में महत्वपूर्ण निर्णय


केंद्र सरकार ने पीएम ई-ड्राइव योजना के अंतर्गत इलेक्ट्रिक ई-रिक्शा के लिए दी जाने वाली सब्सिडी को समाप्त करने का निर्णय लिया है। सरकारी अधिकारियों के अनुसार, इस योजना के तहत निर्धारित लक्ष्य लगभग पूरे हो चुके हैं, जिससे अब राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक सहायता की आवश्यकता नहीं रह गई है। वर्तमान में इलेक्ट्रिक ई-रिक्शा की हिस्सेदारी लगभग 32% हो गई है, जो योजना के लक्ष्यों के करीब है।


तीन-पहिया वाहनों में प्रगति, दो-पहिया पीछे

सरकार का मानना है कि तीन-पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में उद्योग और बाजार दोनों संतुष्ट हैं। हालांकि, दो-पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की स्थिति अभी भी कमजोर है, जहां इनका हिस्सा केवल 7.5% है। पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत दो-पहिया वाहनों के लिए 25 लाख इकाइयों का लक्ष्य रखा गया था, जबकि अब तक 18.3 लाख की बिक्री हुई है। वित्तीय वर्ष के अंत तक यह संख्या लगभग 23 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है, जिससे लक्ष्य में थोड़ी कमी आएगी और शेष लक्ष्य अगले वर्ष पूरा होगा।


राज्यों की भूमिका में वृद्धि

केंद्र सरकार अब चाहती है कि राज्य अपनी नीतियों और प्रोत्साहनों के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की गति को बढ़ाएं। कई राज्य पहले से ही सब्सिडी और रजिस्ट्रेशन छूट जैसी योजनाओं पर कार्य कर रहे हैं, विशेषकर दिल्ली में, जहां बढ़ते प्रदूषण और धुंध को देखते हुए नई योजनाओं की तैयारी की जा रही है।


राज्यों की भूमिका का महत्व

इलेक्ट्रिक दो-पहिया वाहनों (e-2W) की सब्सिडी अगले वित्तीय वर्ष तक जारी रह सकती है। वहीं, इलेक्ट्रिक चार-पहिया वाहनों (e-4W) के लिए कुछ राज्यों में रजिस्ट्रेशन में छूट का लाभ मिल रहा है। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से विकास में अब राज्यों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाएगी।


विशेषज्ञों की राय

चार-पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की गति अभी धीमी है, और इलेक्ट्रिक बसों तथा ट्रकों का परीक्षण चरण में है। पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत 14,000 इलेक्ट्रिक बसों और 5,643 इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए बजट निर्धारित किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास का मुख्य आधार चार्जिंग सुविधाओं का विस्तार होगा, जिसके लिए विशेष सेवा प्रदाताओं को आगे आना होगा ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की प्रक्रिया को तेज किया जा सके।