केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का घुसपैठियों के खिलाफ सख्त बयान
भुज में बीएसएफ समारोह में शाह का संबोधन
भुज। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया है कि सरकार देश से सभी घुसपैठियों को बाहर निकालेगी। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ राजनीतिक दल विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि वे चाहते हैं कि घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची में बने रहें। यह बयान उन्होंने कच्छ जिले के भुज में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के हीरक जयंती समारोह के दौरान दिया।
शाह का यह बयान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार को लिखे गए पत्र के एक दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने इस प्रक्रिया को तुरंत रोकने का अनुरोध किया था।
उन्होंने कहा, 'बीएसएफ आज देश की सभी सीमाओं पर घुसपैठ को रोकने में लगी हुई है। घुसपैठ को रोकना न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि यह हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था को भी सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है।' शाह ने एसआईआर को मतदाता सूची का 'शुद्धिकरण' बताते हुए कुछ राजनीतिक दलों पर आरोप लगाया कि वे अवैध घुसपैठियों के खिलाफ सरकार के प्रयासों को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
गृह मंत्री ने कहा, 'मैं इस हीरक जयंती समारोह में स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम इस देश से हर एक घुसपैठिये को बाहर निकालेंगे। यह मोदी सरकार का संकल्प है।' उन्होंने यह भी कहा कि देश के किसी भी राज्य का मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री कौन होगा, यह केवल भारत के नागरिकों का निर्णय होना चाहिए। घुसपैठियों को हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था को प्रभावित करने का कोई अधिकार नहीं है।
शाह ने एसआईआर को भारत के लोकतंत्र को सुरक्षित और शुद्ध करने की प्रक्रिया बताया और सभी नागरिकों से इसका समर्थन करने की अपील की। उन्होंने उन राजनीतिक दलों को चेतावनी दी जो घुसपैठियों को बचाने में लगे हैं। उन्होंने कहा, 'बिहार चुनाव देश की जनता का जनादेश था और यह जनादेश घुसपैठियों के खिलाफ है।' उन्होंने यह भी कहा कि मतदाता सूची में घुसपैठियों के नाम सुनिश्चित करने की कोशिश करने वाले दलों को समझ लेना चाहिए कि जनता ऐसे इरादों का समर्थन नहीं करेगी। बीएसएफ के हीरक जयंती समारोह में शाह ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बल की भूमिका की सराहना भी की।
