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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने निमेसुलाइड पर लगाया प्रतिबंध: जानें इसके पीछे की वजह

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने निमेसुलाइड पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है, जो 100 मिलीग्राम से अधिक की टैबलेट्स पर लागू होगा। यह कदम स्वास्थ्य जोखिमों के कारण उठाया गया है। मंत्रालय ने बताया कि इस दवा का सेवन मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके अलावा, कई देशों में पहले से ही इस दवा पर प्रतिबंध है। जानें इस फैसले के पीछे की पूरी कहानी और इसके प्रभाव।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने निमेसुलाइड पर लगाया प्रतिबंध: जानें इसके पीछे की वजह

निमेसुलाइड पर प्रतिबंध का निर्णय


नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने निमेसुलाइड, एक प्रसिद्ध पेन किलर, पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। यह कदम 100 मिलीग्राम से अधिक की निमेसुलाइड टैबलेट्स पर लागू होगा। सरकार ने स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण इस दवा पर बैन लगाने की घोषणा की है।


1940 की धारा 26 A के तहत प्रतिबंध
स्वास्थ्य मंत्रालय ने ड्रग टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड की सलाह के बाद यह निर्णय लिया है। ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 की धारा 26 A के तहत यह प्रतिबंध लागू किया गया है। मंत्रालय ने बताया कि 100 मिलीग्राम से अधिक निमेसुलाइड का सेवन मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके अलावा, दर्द से राहत के लिए कई सुरक्षित विकल्प भी उपलब्ध हैं।



निमेसुलाइड की विशेषताएँ
निमेसुलाइड एक नॉन-स्टेरॉयड दवा है, जिसका उपयोग दर्द से राहत के लिए किया जाता है। हालांकि, सरकार ने इसके उपयोग को लेकर गंभीर चिंताएँ व्यक्त की हैं। 2011 में, स्वास्थ्य मंत्रालय ने 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए इस दवा के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था।


अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंध
यह दवा कई यूरोपीय देशों जैसे फिनलैंड, आयरलैंड, बेल्जियम और स्पेन में पूरी तरह से प्रतिबंधित है। 2007 में इन देशों ने इस दवा पर बैन लगाया था। इसके अलावा, जापान, कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूके में भी निमेसुलाइड के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध है।