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केदारनाथ यात्रा पर भारी बारिश का असर: प्रशासन ने यात्रा रोकी

उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में भारी बारिश के कारण यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। मुनकटिया पहाड़ी से भूस्खलन के चलते श्रद्धालुओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यात्रा मार्ग को बंद कर दिया है और यात्रियों के लिए राहत केंद्र स्थापित किए हैं। जानें इस स्थिति के बारे में और क्या कदम उठाए गए हैं।
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केदारनाथ यात्रा पर भारी बारिश का असर: प्रशासन ने यात्रा रोकी

केदारनाथ यात्रा में बाधा

Kedarnath News:  उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल केदारनाथ धाम की यात्रा बुधवार को भारी बारिश के चलते चार घंटे के लिए रोक दी गई। मुनकटिया पहाड़ी से लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण बोल्डर और मलबा गिरने से श्रद्धालुओं के लिए यात्रा करना कठिन हो गया है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच यात्रा को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। मौसम विभाग ने मुनकटिया पहाड़ी और उसके आस-पास के क्षेत्रों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था।


मंगलवार रात से शुरू हुई बारिश के कारण मार्ग पर मलबा गिरने से रास्ता अवरुद्ध हो गया। मुनकटिया के पास भूस्खलन ने यात्रा मार्ग को बाधित कर दिया है, जिससे श्रद्धालुओं को 6 किलोमीटर अतिरिक्त पैदल चलना पड़ रहा है। प्रशासन ने मार्ग को सुचारू करने के लिए मशीनरी और टीमें तैनात की हैं, लेकिन तेज बारिश के कारण कार्य में देरी हो रही है।


प्रशासन की तैयारियां और श्रद्धालुओं का हाल

बारिश और ठंड ने यात्रियों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। तापमान माइनस 2 डिग्री तक गिर गया है, जिससे पैदल यात्रा और भी कठिन हो गई है। कई श्रद्धालु गौरीकुंड और सोनप्रयाग में फंसे हुए हैं। प्रशासन ने यात्रियों के लिए सुरक्षित स्थानों पर ठहरने की व्यवस्था की है और आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम से मौसम की जानकारी लेने की सलाह दी है। रुद्रप्रयाग के सीओ ने कहा, "हम श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं। बारिश के कारण पैदल मार्ग पर पत्थर गिरने का खतरा है। इसलिए यात्रा को अस्थायी रूप से रोका गया है।" उत्तराखंड सरकार ने यात्रियों के लिए मेडिकल कैंप और राहत केंद्र स्थापित किए हैं, जहां ऑक्सीजन और प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध है।


BKTC सदस्य का श्रद्धालुओं से निवेदन

बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य डॉ विनीत पोस्ती ने लगातार हो रही बारिश के बाद जिला आपदा प्रबंधन केंद्र का निरीक्षण किया और आपदा से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे यात्रा मार्ग पर सावधानी बरतें और ग्लेशियर पर चढ़कर फोटो न खींचें, क्योंकि इससे उन्हें भारी खतरा हो सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सोनप्रयाग में तीर्थ यात्री केदारनाथ धाम जाते समय सावधानी बरतें। प्रशासन ने यात्रियों से धैर्य बनाए रखने और सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की है। गर्म जूते और रेनकोट पहनना न भूलें और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। प्रदेश सरकार मंदिर समिति और जिला प्रशासन तीर्थ यात्रियों के लिए हर संभव मदद के लिए तत्पर है।