केरल के सबरीमला मंदिर में सोने की चोरी: पूर्व अधिकारी की गिरफ्तारी
पठानमथिट्टा में सबरीमला मंदिर का मामला
पठानमथिट्टा: केरल के पठानमथिट्टा जिले में स्थित प्रसिद्ध सबरीमला मंदिर से सोने के गायब होने के मामले में एक नया मोड़ आया है। इस मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (SIT) ने पूर्व एग्जीक्यूटिव ऑफिसर सुधीश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी मुख्य आरोपी, बेंगलुरु के व्यापारी उन्नीकृष्णन पोटी की गिरफ्तारी के कुछ दिन बाद हुई है।
SIT ने मंदिर के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बी. मुरारी बाबू को भी हिरासत में लिया है। अधिकारियों के अनुसार, सुधीश कुमार को तिरुवनंतपुरम के क्राइम ब्रांच ऑफिस में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। उन्हें अब ज्यूडिशियल फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया जाएगा।
गिरफ्तारी के कारण
किस आरोप में किया गिरफ्तार?
जांच में पता चला है कि सुधीश कुमार ने 2019 में मंदिर के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के रूप में कार्य किया था। उन पर गंभीर आरोप हैं कि उन्होंने मंदिर के दस्तावेजों में गलत जानकारी दर्ज की। कहा जा रहा है कि द्वारपालक मूर्तियों पर सोने की परत चढ़ाई गई थी, लेकिन सुधीश कुमार ने इसे रिकॉर्ड में तांबे की शीट्स के रूप में दर्ज किया। इस कारण बाद में सोने की परत को चुपके से हटाया जा सका।
झूठे दस्तावेजों का मामला
झूठे दस्तावेज किए तैयार
अधिकारियों ने बताया कि सुधीश कुमार का मंदिर प्रशासन से 1990 के दशक से संबंध रहा है और वह जानते थे कि 1998-99 में द्वारपालक मूर्तियों पर सोने की परत चढ़ाई गई थी। लेकिन जब 2019 में इन मूर्तियों को उन्नीकृष्णन पोटी को दोबारा गोल्ड प्लेटिंग के लिए दिया गया, तो उन्होंने झूठे दस्तावेज तैयार किए, जिससे पोटी को असली सोना हटाने का मौका मिल गया।
SIT की जांच
SIT कर रही दो मामलों की जांच
वहीं, SIT ने पोटी के करीबी वासुदेवन से भी पूछताछ की है। जांच में खुलासा हुआ कि उसने द्वारपालक मूर्तियों का सोने की परत वाला बेस अपने पास रखा था, जिसे बाद में पुलिस ने तिरुवनंतपुरम में पोटी के रिश्तेदार के घर से बरामद किया। SIT फिलहाल दो मामलों की जांच कर रही है: एक द्वारपालक मूर्तियों से सोना गायब होने का और दूसरा श्रीकोविल के दरवाजे की फ्रेमों से सोना चोरी होने का। दोनों ही मामलों में 2019 में गोल्ड प्लेटिंग के बहाने मंदिर का सोना गायब किया गया था।
