केरल ने चरम गरीबी का किया अंत, मुख्यमंत्री का विधानसभा में ऐलान
केरल में गरीबी उन्मूलन की सफलता
नई दिल्ली - केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को विधानसभा में यह घोषणा की कि राज्य ने चरम गरीबी को समाप्त कर दिया है। वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार का दावा है कि केरल इस उपलब्धि को हासिल करने वाला पहला राज्य है। यह ऐलान राज्य गठन दिवस के अवसर पर विधानसभा के विशेष सत्र में किया गया।
2021 में शुरू की गई चरम गरीबी उन्मूलन परियोजना के तहत, राज्य सरकार ने 64,006 परिवारों को अत्यंत गरीब के रूप में चिन्हित किया। इन परिवारों को चार साल तक चलने वाली इस योजना के अंतर्गत आवास, भोजन, स्वास्थ्य और आजीविका से संबंधित सहायता प्रदान की गई। स्थानीय स्वशासन मंत्री एम. बी. राजेश ने बताया कि नीति आयोग के अध्ययन में पहले ही यह पाया गया था कि केरल की गरीबी दर देश में सबसे कम, केवल 0.7% है। उन्होंने कहा, “हमने सर्वेक्षणों के माध्यम से 64,006 परिवारों के 1,03,099 व्यक्तियों को चरम गरीबी में पाया और उन्हें योजनाओं से जोड़ा।”
विपक्षी कांग्रेस नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने सरकार के इस दावे को धोखाधड़ी करार देते हुए सदन से वॉकआउट किया। विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन ने कहा कि मुख्यमंत्री का बयान संसदीय नियमों का उल्लंघन है। इस पर मुख्यमंत्री विजयन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “जब यूडीएफ धोखाधड़ी की बात करता है, तो वह अपने आचरण की ओर इशारा कर रहा है। हमने वही किया है जो हमने कहा था।”
