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केरल में भारत माता की तस्वीर पर विवाद, मंत्री ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया

केरल के कृषि मंत्री पी प्रसाद ने 'विश्व पर्यावरण दिवस' पर आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम का बहिष्कार किया, जिसमें भारत माता की तस्वीर पर फूल चढ़ाए गए थे। उन्होंने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे आरएसएस से जोड़ा। इस घटना ने राज्य में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा और विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा के बीच विवाद को जन्म दिया। विपक्षी नेताओं ने भी इस पहल की आलोचना की, जबकि भाजपा नेता ने इसे धार्मिक प्रतीक के रूप में न देखने की बात कही। जानें इस विवाद के सभी पहलुओं के बारे में।
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केरल में भारत माता की तस्वीर पर विवाद, मंत्री ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया

केरल में पौधारोपण कार्यक्रम का बहिष्कार

भारत माता की तस्वीर: केरल के कृषि मंत्री पी प्रसाद ने 'विश्व पर्यावरण दिवस' के अवसर पर तिरुवनंतपुरम में राजभवन में आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम का बहिष्कार किया। इस कार्यक्रम में भारत माता की तस्वीर पर फूल चढ़ाए गए, जिस पर प्रसाद ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबंध जोड़ते हुए आपत्ति जताई। इस घटना ने राज्य में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के बीच नया विवाद उत्पन्न कर दिया है।


मंत्री प्रसाद ने बताया कि बुधवार को पौधारोपण कार्यक्रम में बदलाव किया गया और भारत माता की तस्वीर पर पुष्प वर्षा की गई। उन्होंने इस आयोजन में शामिल न होने का निर्णय लेते हुए अलग से पौधे लगाए। उन्होंने कहा, "राजभवन में होने वाले आधिकारिक कार्यक्रमों में इस तरह की रस्म पहले कभी नहीं हुई।" भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के नेता प्रसाद ने जोर देकर कहा कि सरकारी आयोजनों, विशेषकर संवैधानिक कार्यालयों में ऐसी तस्वीरों का उपयोग नहीं होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, "यह संविधान के खिलाफ है। राज्यपाल के कार्यालय ने इस पर जोर दिया। हम भारत माता के खिलाफ नहीं हैं। हमारे यहां अक्सर सरकारी आयोजनों और आधिकारिक ओणम समारोहों में बच्चे भारत माता की तरह सजते हैं।"


विपक्ष और सहयोगी दलों की प्रतिक्रिया


सीपीआई नेता बिनॉय विश्वम ने राजभवन की इस पहल की कड़ी आलोचना की। उन्होंने सवाल उठाया, "क्या भारत माता की तस्वीर तभी पूरी होगी जब वह आरएसएस का झंडा थामे होंगी? क्या यह तभी पूरी होगी जब वह शेर के पास खड़ी होंगी? राजभवन को कभी भी आरएसएस के ऐसे अड़ियल रुख के लिए मंच नहीं बनना चाहिए।" विपक्षी कांग्रेस नेता वीडी सतीसन ने भी इस मुद्दे पर सहमति जताई। उन्होंने कहा, "राजभवन को कभी भी ऐसे आयोजनों और कार्रवाइयों का मंच नहीं बनना चाहिए।"


तस्वीर को धार्मिक प्रतीक न मानें


भाजपा नेता कुम्मानम राजशेखरन ने इस विवाद पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा, "मुझे समझ में नहीं आता कि प्रसाद या सीपीआई नेता इस तरह की प्रतिक्रिया क्यों दे रहे हैं। भारत माता की तस्वीर को धार्मिक प्रतीक के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।"