केरल में शादी में डिजिटल शगुन का अनोखा आइडिया वायरल
 
                           
                        केरल की अनोखी शादी
केरल। शादी को खास बनाने के लिए हर माता-पिता अपनी तरफ से पूरी कोशिश करते हैं। इस बार केरल में एक शादी ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी है। इसका कारण कोई महंगा स्थान या भव्य कपड़े नहीं, बल्कि दुल्हन के पिता का एक अनोखा विचार है जिसने सभी को चौंका दिया।
दुल्हन के पिता ने अपनी शर्ट पर एक क्यूआर कोड चिपका दिया था, जिससे मेहमान नकद उपहार देने के बजाय डिजिटल शगुन भेज सकें। जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ, लोगों ने कहा कि यही असली डिजिटल इंडिया है। आइए जानते हैं इस वीडियो के बारे में।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
View this post on Instagram
डिजिटल शगुन का नया तरीका
भारत में शादियों की परंपरा हमेशा से खास रही है। यहां ढेर सारी तैयारियां, रिश्तेदारों का शोर और उपहारों का आदान-प्रदान होता है। लेकिन इस शादी में न तो लिफाफे थे और न ही कोई पारंपरिक उपहार। मेहमान केवल अपने मोबाइल फोन के साथ आए और दुल्हन के पिता के क्यूआर कोड को स्कैन करके डिजिटल उपहार भेजते गए। किसी ने 501 रुपये, तो किसी ने 1100 रुपये भेजे, और हर बार पिता मुस्कुराते हुए सिर हिलाते रहे।
वीडियो में दिखी खुशियों की झलक
क्यूआर कोड स्कैन कर दिया शगुन
इस शादी के वीडियो में देखा जा सकता है कि माहौल बहुत खुशनुमा था। चारों ओर फूलों की सजावट और रोशनी थी, और लोग पूरी मस्ती में शामिल थे। कैमरा दुल्हन के पिता की ओर घूमता है, जहां उनके चेहरे पर मुस्कान और जेब पर एक छोटा सा क्यूआर कोड है। एक मेहमान ने मजाक में कहा कि अब लिफाफे खोजने की कोई जरूरत नहीं। वीडियो में लोग आराम से क्यूआर कोड स्कैन करते हैं, और जब पेमेंट कंफर्म होती है, तो पिता हल्के से सिर हिलाते हैं और धन्यवाद कहते हैं। यही है डिजिटल युग की शादी।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
वीडियो पर यूजर्स ने दिए ऐसे रिएक्शंस
जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर फैला, लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी। किसी ने लिखा, “वाह! यह तकनीक और परंपरा का बेहतरीन मेल है।” एक अन्य यूजर ने कहा कि अब शादियों में कैशलेस सिस्टम लाना पड़ेगा। कुछ लोगों ने मजाक में कहा कि अगर ऐसे क्यूआर कोड चलन में आ गए, तो शादी के बाद उपहार लौटाने की समस्या भी खत्म हो जाएगी। कई लोगों ने इस विचार को बहुत अभिनव बताया, यह कहते हुए कि डिजिटल भुगतान अब हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है, तो इसे शादियों में भी अपनाना चाहिए। कुछ ने इसे “डिजिटल इंडिया की सच्ची मिसाल” कहा, क्योंकि इसमें न तो परंपरा को छोड़ा गया और न ही तकनीक से दूरी बनाई गई।
