केवीआईसी ने पीएमईजीपी लाभार्थियों को 300 करोड़ रुपये की सब्सिडी का वितरण किया

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम का सफल आयोजन
चंडीगढ़ समाचार: खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने 17 जून 2025 को एक वर्चुअल इवेंट के माध्यम से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत 11,480 सेवा क्षेत्र के लाभार्थियों को लगभग 300 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी का वितरण किया।
यह वितरण लगभग 906 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृति के सापेक्ष किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने अपनी टीम के साथ ऑनलाइन किया, जिसमें लाभार्थियों के बैंक खातों में सब्सिडी स्थानांतरित की गई। कार्यक्रम में केवीआईसी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुश्री रूप राशि और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
अपने संबोधन में, अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 'आत्मनिर्भर और विकसित भारत' का सपना साकार हो रहा है, और पीएमईजीपी योजना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन चुकी है।
उन्होंने यह भी बताया कि यह योजना केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक आंदोलन बन गई है, जो लाखों युवाओं, महिलाओं और कारीगरों को स्वरोजगार और उद्यमिता से जोड़ रही है। गांव-गांव तक रोजगार और आत्मनिर्भरता के निर्माण में इस योजना की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।
इस व्यापक वितरण में देश के सभी छह अंचलों की सक्रिय भागीदारी रही। केंद्रीय क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड की 2403 परियोजनाओं के लिए लगभग 72 करोड़ रुपये की सब्सिडी वितरित की गई, जिनके लिए कुल 218 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत हुआ।
पूर्वी क्षेत्र में बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह की 996 परियोजनाओं को लगभग 22 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिली, जबकि ऋण स्वीकृति करीब 71 करोड़ रुपये रही।
उत्तर भारत के राज्यों – पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, राजस्थान और केंद्र शासित चंडीगढ़ – के अंतर्गत कुल 2713 परियोजनाओं को करीब 61 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई और इन परियोजनाओं के लिए 184 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत हुआ।
पूर्वोत्तर क्षेत्र की 81 परियोजनाओं को लगभग 2 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्राप्त हुई, जिसमें असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा शामिल हैं।
दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में 4565 परियोजनाओं को शामिल करते हुए करीब 116 करोड़ रुपये की सब्सिडी वितरित की गई, जबकि इन परियोजनाओं के लिए 343 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण स्वीकृत किया गया।
पश्चिम क्षेत्र के महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा की 722 परियोजनाओं के लिए 26 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी वितरित की गई, जो 82 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृति के सापेक्ष है।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) की शुरुआत से लेकर वित्त वर्ष 2024-25 तक, यह ग्रामीण और शहरी भारत में उद्यमिता और आत्मनिर्भरता का स्तंभ बन चुका है। योजना के अंतर्गत अब तक कुल 10,18,185 सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना की जा चुकी है, जिनके लिए भारत सरकार द्वारा 73,348 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया है।
इसके बदले लाभार्थियों को 27,166 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी प्रदान की गई है। इस योजना के माध्यम से अब तक देशभर में 90,04,541 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार प्राप्त हुआ है, जो इसे देश की सबसे प्रभावी स्वरोजगार योजनाओं में से एक बनाता है। यह कार्यक्रम न केवल स्वरोजगार को बढ़ावा देता है, बल्कि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को धरातल पर साकार करता है।