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कैथल के शहीद जवान नरेंद्र सिंधु का राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार

हरियाणा के कैथल के शहीद जवान लांसनायक नरेंद्र सिंधु का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव रोहेड़ा में राजकीय सम्मान के साथ किया गया। 28 वर्षीय नरेंद्र जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए थे। उनके परिवार में दो बहनें और एक छोटा भाई है, जो अमेरिका में रहता है। जानें उनके बलिदान और परिवार की स्थिति के बारे में।
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कैथल के शहीद जवान नरेंद्र सिंधु का राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार

पैतृक गांव रोहेड़ा में अंतिम संस्कार


Lance Naik Narendra Sindhu Martyr, कैथल: हरियाणा के कैथल जिले के शहीद जवान का पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव रोहेड़ा लाया गया। यहां उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। शहीद जवान को उनके चचेरे भाई अंकित ने मुखाग्नि दी। बुधवार सुबह उनका शव गांव पहुंचा, जहां अंतिम दर्शन के बाद उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में लोग तिरंगा लेकर शामिल हुए। इस दौरान 'नरेंद्र अमर रहे' के नारे भी गूंजे।


शहीद की शहादत

28 वर्षीय लांसनायक नरेंद्र सिंधु सोमवार को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। इस मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी भी मारे गए। इनमें से एक आमिर अहमद डार, पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जारी आतंकवादियों की सूची में शामिल था। नरेंद्र ने 2017 में भारतीय सेना में भर्ती होकर राष्ट्रीय राइफल्स में सेवा दी।


परिवार की स्थिति

नरेंद्र का जन्म 5 अक्टूबर 1996 को गांव रोहेड़ा में हुआ था। उन्होंने अपनी 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई गांव के एक प्राइवेट स्कूल से की। उनके पिता दलबीर सिंह किसान हैं और माता रोशनी देवी गृहिणी हैं। परिवार में दो बहनें और एक छोटा भाई है, जिनकी शादी हो चुकी है। उनका छोटा भाई वीरेंद्र अमेरिका में रहता है और वहां एक होटल में सहायक की नौकरी करता है।


नरेंद्र की अंतिम छुट्टी

नरेंद्र की शादी नहीं हुई थी, लेकिन परिवार में उनकी शादी की चर्चा चल रही थी। उनके ताऊ के बेटे विक्रम ने बताया कि नरेंद्र की ड्यूटी जम्मू-कश्मीर में समाप्त होने वाली थी और वह अक्टूबर में छुट्टी पर आने वाले थे। वह अंतिम बार लगभग साढ़े 3 महीने पहले घर आए थे।


मां का दुख

नरेंद्र के बलिदान की खबर सुनकर उनकी मां रोशनी देवी बार-बार बेहोश हो गईं। उन्होंने हाल ही में अपने दो भाइयों को खोया था और अभी भी उस सदमे से उबर नहीं पाई थीं कि उनके बेटे की शहादत की खबर आई।