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कैथल मंडियों में धान खरीद में गड़बड़ी की आशंका: जांच जारी

कैथल, कुरुक्षेत्र, अंबाला और यमुनानगर की मंडियों में धान खरीद में गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन कैथल में कार्रवाई में देरी हो रही है। स्थानीय किसानों के धान की खरीद में अनियमितताओं के आरोप भी सामने आए हैं। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया है कि करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया है। क्या यह घोटाला उजागर होगा? जानिए पूरी कहानी में।
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कैथल मंडियों में धान खरीद में गड़बड़ी की आशंका: जांच जारी

कैथल में धान खरीद में गड़बड़ी की आशंका

कैथल (धान घोटाला)। राज्य की चार मंडियों, कैथल, कुरुक्षेत्र, अंबाला और यमुनानगर में धान की खरीद में अनियमितताओं की आशंका जताई जा रही है। इस मामले में सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन कैथल में ये आदेश प्रभावी नहीं हो पा रहे हैं। अधिकारियों द्वारा मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं, कुरुक्षेत्र, करनाल और यमुनानगर में गड़बड़ी के मामलों में कई अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है।


कैथल की मंडियों में पिछले वर्ष से एक लाख मीट्रिक टन से अधिक पीआर धान की आवक हो चुकी है। इस बार बारिश के कारण फसल में कमी आई है, जिससे प्रति एकड़ 10-15 क्विंटल धान कम निकला है।


इस स्थिति में अतिरिक्त धान का स्रोत स्पष्ट नहीं है, और अधिकारी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। इससे यह संदेह और गहरा होता है कि घोटाले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, एसडीएम अजय सिंह ने कहा है कि जांच पारदर्शी तरीके से चल रही है और इसके परिणामों के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।


धान घोटाला: फर्जी गेटपास के मामले में कार्रवाई

फर्जी गेटपास के मामले में सचिव पर कार्रवाई


करनाल मंडी में फर्जी गेटपास के मामले में जांच के बाद मंडी सचिव और तीन अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह कार्रवाई डीएमईओ की शिकायत के आधार पर की गई है। इसके साथ ही, हैफेड के डीएम को धान खरीद में अनियमितताओं के कारण निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले करनाल में चार-पांच निरीक्षकों और मिलरों पर भी कार्रवाई की गई थी। कैथल मंडियों में धान की इतनी अधिक आवक के बावजूद स्थिति सामान्य दिखाई दे रही है, जबकि सरकार ने गड़बड़ी की आशंका पर खुद संज्ञान लिया है।


फर्जी गेटपास से घोटाले का आरोप

फर्जी गेटपास से किया गया घोटाला: रतन मान


भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतन मान ने आरोप लगाया है कि मंडियों में करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया है, लेकिन सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए है। कैथल की मंडियों में बिना धान के फर्जी पर्चे जारी किए गए हैं, जिससे सरकार को नुकसान पहुंचाया गया है।


स्थानीय किसानों के धान को कम दामों पर पीटकर सरकारी समर्थन मूल्य पर बेचा गया है, जिससे किसान और सरकार दोनों को ठगा गया है। सरकारी खरीद एजेंसी, आढ़ती, मंडी सचिव और राइस मिलरों की भूमिका की निष्पक्ष जांच के बाद ही इस घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है।