कैथल में धान की अवैध बिक्री की आशंका, प्रशासन ने शुरू की जांच
कैथल में धान की पैदावार में कमी
कैथल: खेतों में धान की उपज में कमी और मंडियों में रिकॉर्ड स्तर पर धान की आवक के कारण प्रशासन में हलचल मच गई है। अधिकारियों को संदेह है कि दूसरे राज्यों से धान लाकर मंडियों में अवैध तरीके से बेचा जा रहा है। इस मामले की जांच के लिए एसडीएम अजय सिंह की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। यह टीम सोमवार से मंडियों में जाकर आवक और खरीद के आंकड़ों की गहन जांच करेगी।
जांच का उद्देश्य
प्रशासन यह जानने का प्रयास करेगा कि क्या धान उत्तर प्रदेश या अन्य राज्यों से लाया गया है। यदि ऐसा है, तो इसमें किस अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका रही है, यह भी जांचा जाएगा। खरीद एजेंसी, मंडी सचिव, आढ़ती और पंजीकृत राइस मिलर की भूमिका की भी जांच की जाएगी, क्योंकि धान की खरीद प्रक्रिया में सभी की जिम्मेदारी होती है।
कम पैदावार के बावजूद अधिक आवक
10 से 15 क्विंटल तक कम पैदावार
कृषि विभाग के अनुसार, इस वर्ष प्रति एकड़ धान की पैदावार 10 से 15 क्विंटल तक कम हुई है। फिर भी, मंडियों में पिछले वर्ष की तुलना में अधिक धान पहुंच चुका है। 29 अक्तूबर तक 8,80,684 मीट्रिक टन धान की आवक दर्ज की गई है, जबकि पिछले वर्ष इसी तारीख तक केवल 7,87,950 मीट्रिक टन धान आया था। इस प्रकार, इस वर्ष अब तक 92,734 मीट्रिक टन अधिक धान की आवक हुई है।
अधिकारियों की चिंता
दामन बचाने में जुटे अधिकारी
डीएफएससी द्वारा मंडी सचिवों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार ग्रेड-ए धान की पैदावार कम है, फिर भी 23 अक्तूबर तक 88,000 मीट्रिक टन अधिक आवक दर्ज की गई है। पत्र में चेतावनी दी गई है कि मंडियों में सख्त निगरानी रखी जाए, आवक की वीडियोग्राफी कराई जाए और दूसरे राज्यों से धान आने से रोका जाए।
जांच की प्रक्रिया
एसडीएम अजय सिंह ने बताया कि धान की पैदावार कम और आवक अधिक होने के मामले में सोमवार से जांच शुरू की जाएगी। यदि किसी भी स्तर पर नियमों का उल्लंघन या गलत मंशा से खरीद पाए जाने की पुष्टि हुई, तो संलिप्त अधिकारियों, एजेंसियों या व्यापारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
