कैथल में पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली ठप, तकनीकी खामियों से परेशान लोग
कैथल में पेपरलेस रजिस्ट्री की स्थिति
कैथल (पेपरलेस रजिस्ट्री)। जिले में एक नवंबर से शुरू हुई पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली फिलहाल ठप हो गई है। दरअसल, नए सॉफ्टवेयर में कई तकनीकी समस्याएं सामने आई हैं, जिसके कारण अब तक केवल दो रजिस्ट्री पूरी हो पाई हैं, जिनमें से एक कैथल और दूसरी पूंडरी में हुई है। सामान्य दिनों में औसतन 40 से 45 रजिस्ट्री होती थीं।
तकनीकी बाधाओं का असर
तकनीकी समस्याओं के कारण न तो टोकन कट रहे हैं और न ही रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी हो रही है। इससे बैंक लोन, संपत्ति की खरीद-बिक्री और दस्तावेज़ हस्तांतरण पूरी तरह रुक गए हैं। आम नागरिकों के साथ-साथ डीड राइटर और प्रॉपर्टी डीलर भी इस स्थिति से परेशान हैं। रजिस्ट्री न होने के कारण प्रॉपर्टी डीलरों के करोड़ों के सौदे अटक गए हैं। राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पोर्टल को अपडेट होने में कुछ समय लगेगा, जिससे लोगों को रजिस्ट्री कराने में और समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
विदेश से आए लोगों की परेशानी
Paperless Registry: विदेश से आए लोग भी परेशान
सेक्टर-19 के निवासी मेघराज शर्मा ने बताया कि उनके भाई अनंत राम शर्मा (80) की रजिस्ट्री एक नवंबर को निर्धारित थी, लेकिन पोर्टल की गड़बड़ी के कारण यह नहीं हो पाई। उनका बेटा विदेश से केवल 15 दिन के लिए भारत आया था और अब 14 नवंबर को उसकी वापसी की टिकट है। उन्होंने कहा कि कागजात जुटाने में कई दिन लग गए, और अब ऑनलाइन रजिस्ट्री के कारण पूरा काम अटक गया है।
तहसील कार्यालय में सन्नाटा
तहसील कार्यालय में सन्नाटा
सोमवार को तहसील कार्यालय में रजिस्ट्री शाखा लगभग खाली थी। इस सन्नाटे के दौरान कुछ लोग केवल जानकारी लेने पहुंचे थे, जबकि कर्मचारी नई प्रणाली को लेकर माथापच्ची में लगे हुए थे।
सॉफ्टवेयर में खामियां
सॉफ्टवेयर में क्या हैं खामियां
डीड राइटर सतीश कुमार मित्तल ने बताया कि पोर्टल की तकनीकी खराबियों के कारण रजिस्ट्री प्रक्रिया रुकी हुई है। कैथल में पिछले 10 दिन में केवल एक रजिस्ट्री हो पाई है। वर्तमान में सिस्टम पूरी तरह बंद है, जिससे लोग और कारोबारी वर्ग दोनों परेशान हैं।
दस्तावेज़ों की खराब क्वालिटी: साफ्टवेयर में अपलोड किए गए दस्तावेज काले-सफेद या धुंधले दिखाई दे रहे हैं। इस वजह से कर्मचारी यह नहीं पहचान पा रहे हैं कि दस्तावेज़ की मूल प्रति अपलोड की गई है या फोटोकॉपी, जबकि नियमों के अनुसार मूल दस्तावेज़ अनिवार्य है।
संपत्ति की लोकेशन की पहचान में मुश्किल: नया सॉफ्टवेयर संपत्ति का सही क्षेत्र, जैसे कि वह किसी सेक्टर, कॉलोनी या ग्रामीण इलाके में है, यह स्पष्ट रूप से नहीं दिखा पा रहा है। इस कारण संबंधित जमीन का कलेक्टर रेट तय करना मुश्किल हो गया है, जिससे मूल्यांकन में गड़बड़ियां हो रही हैं।
संयुक्त संपत्ति की रजिस्ट्री असंभव: सॉफ्टवेयर की सबसे बड़ी खामियों में से एक यह है कि यह संयुक्त स्वामित्व वाली संपत्तियों की रजिस्ट्री नहीं कर पा रहा है। यदि किसी संपत्ति का एक से अधिक मालिक या खरीदार है, तो सिस्टम एरर दिखाकर प्रक्रिया रोक देता है।
