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कैथल में बासमती धान की आवक, लेकिन खरीदारों की कमी से किसान परेशान

कैथल जिले की अनाज मंडियों में बासमती धान की आवक जारी है, लेकिन खरीदारों की कमी से किसान परेशान हैं। व्यापारी धान की कीमतों को गिराने के लिए साठगांठ कर रहे हैं, जिससे किसानों को उचित दाम नहीं मिल पा रहा है। किसान नेता और स्थानीय किसान इस स्थिति पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं और सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। जानें इस मुद्दे की पूरी जानकारी और किसानों की समस्याओं के बारे में।
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कैथल में बासमती धान की आवक, लेकिन खरीदारों की कमी से किसान परेशान

कैथल में धान की आवक जारी

कैथल: जिले की अनाज मंडियों में इस समय बासमती धान की आवक हो रही है। किसान 1121, 1718 जैसी उच्च गुणवत्ता वाली किस्में लेकर आ रहे हैं, लेकिन मंडियों में खरीदारों की कमी देखने को मिल रही है। व्यापारी धान की ढेरियों पर नजर डालते ही आगे बढ़ जाते हैं, जिससे किसानों में निराशा और गुस्सा बढ़ता जा रहा है।


किसानों की चिंता

कई किसान कई दिनों से मंडी में अपनी फसल की रखवाली कर रहे हैं। उनका कहना है कि व्यापारी आपस में साठगांठ कर धान के दामों को गिरा रहे हैं। वर्तमान में बासमती धान का मूल्य 3200 से 3500 रुपये प्रति क्विंटल तक ही सीमित है, जो किसानों की लागत भी नहीं निकाल पा रहा है।


फसल की पैदावार में कमी

किसानों का कहना है कि इस बार फसल की पैदावार पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 10 क्विंटल प्रति एकड़ कम रही है। ऐसे में न केवल मुनाफा, बल्कि ठेके और खर्च निकालना भी कठिन हो गया है। लगातार घाटे में जा रहे किसान अब गेहूं की बिजाई को लेकर भी असमंजस में हैं।


व्यापारी कर रहे मनमानी

किसान नेता होशियार गिल ने कहा कि मंडियों में अव्यवस्थाओं का आलम है। किसानों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। “व्यापारी सस्ते दामों पर फसल हथियाने की कोशिश कर रहे हैं और सरकार मौन है। यह किसानों की मेहनत की खुली अवमानना है,” उन्होंने कहा।


खरीददारों की कमी

किसान महेंद्र ने बताया कि वह दो दिन पहले मंडी में अपनी फसल लेकर आया था, लेकिन अब तक धान नहीं बिका। व्यापारी फसल देखकर बिना बोली लगाए आगे निकल जाते हैं। वहीं किसान जसविंद्र सिंह ने कहा कि सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए ताकि किसानों को उचित दाम मिल सकें।