कैथल में मौसम में बदलाव और किसानों की समस्याएं
कैथल में मौसम का हाल
कैथल। शनिवार की सुबह मौसम में बदलाव देखने को मिला। पिछले कुछ दिनों से बादलों और ठंडी हवाओं के बीच, सुबह की धूप ने लोगों को राहत प्रदान की। इस दिन अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। सुबह लगभग नौ बजे हल्की धूप निकलने लगी, जिससे बाजारों, प्रमुख चौकों और मोहल्लों में गतिविधियां बढ़ गईं।
तापमान में गिरावट
कैथल मौसम: तापमान में मामूली गिरावट
मौसम विभाग के अनुसार, रात के तापमान में थोड़ी गिरावट आई है, लेकिन दिन में धूप निकलने से ठंडक कम महसूस हुई। विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव अभी तक बढ़ा नहीं है।
बाजारों में हलचल
सुबह की धूप का असर बाजारों में भी देखने को मिला। सब्जी मंडी, अनाज मंडी और अन्य व्यापारिक क्षेत्रों में दुकानदार सामान्य दिनों की तुलना में जल्दी दुकानें खोलने लगे। पार्कों और सड़कों पर सुबह टहलने वालों की संख्या भी बढ़ी।
कई लोग सुबह की धूप का आनंद लेते हुए व्यायाम करते नजर आए। कुछ वरिष्ठ नागरिकों ने बताया कि सुबह के समय ठंड महसूस होती है, लेकिन शनिवार की धूप से गर्माहट मिली और ठंडी हवाओं से होने वाली असुविधा में कमी आई।
स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां
चिकित्सकों का कहना है कि मौसम में अचानक बदलाव के दौरान सर्दी-जुकाम और वायरल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए सुबह और शाम के समय गर्म कपड़ों का उपयोग करना आवश्यक है, ताकि मौसम के बदलाव से होने वाली बीमारियों से बचा जा सके।
किसानों की समस्याएं
गेहूं की बिजाई में संकट
कलायत। कलायत स्थित सरकारी खाद-बीज बिक्री केंद्र पर किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। धान की कटाई के बाद और गेहूं की बिजाई के महत्वपूर्ण समय में, विभिन्न गांवों से आए किसान खाद और बीज के लिए घंटों लंबी लाइनों में खड़े रहने को मजबूर हैं। इसके बावजूद कई किसानों को सामग्री नहीं मिल पा रही है। किसान विनोद, तरसेम, राजेश आदि का कहना है कि उनके खेतों में धान कट चुका है और गेहूं की बुआई में अब देरी हो रही है।
इस महत्वपूर्ण समय में घंटों इंतजार करने के कारण वे न तो अपने खेतों में बुआई का काम कर पा रहे हैं और न ही अनाज मंडी में पड़े अपने धान की फसल की ठीक से देखभाल कर पा रहे हैं। सर्दी का मौसम शुरू होने के साथ ही बुआई में हो रही देरी का सीधा असर उनकी फसल की पैदावार पर पड़ेगा।
किसानों ने सरकार और प्रशासन से अपील की है कि वे इस समस्या का तत्काल समाधान करें और खाद-बीज खरीद प्रक्रिया को सरल बनाते हुए आवश्यक वस्तुओं को उनके अपने गांव में ही उपलब्ध कराएं। किसानों ने कहा कि यदि समय पर खाद-बीज उपलब्ध नहीं हुआ, तो गेहूं की बिजाई में और देरी होगी, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
