कैलाश विजयवर्गीय का ताजमहल पर विवादास्पद बयान: क्या सच में था यह मंदिर?
भोपाल में उठे विवाद के बादल
भोपाल: मध्य प्रदेश के शहरी विकास मंत्री और भाजपा के प्रमुख नेता कैलाश विजयवर्गीय ने एक बार फिर अपने विवादास्पद बयान से चर्चा का विषय बना दिया है। उन्होंने कहा कि ताजमहल पहले एक मंदिर था, जिसे बाद में मुग़ल सम्राट शाहजहां ने मकबरे में बदल दिया। यह बयान सागर जिले के बीना में एक क्रिकेट टूर्नामेंट के उद्घाटन के दौरान दिया गया।
विजयवर्गीय के बयान की विस्तृत जानकारी
मंत्री ने यह भी कहा कि मुमताज महल को पहले बुरहानपुर में दफनाया गया था, और बाद में उनके शव को उस स्थान पर ले जाया गया, जहां ताजमहल का निर्माण हो रहा था। इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। समर्थक इसे ऐतिहासिक सत्य मानते हैं, जबकि आलोचक इसे भ्रामक और उत्तेजक करार दे रहे हैं।
ताजमहल मूल रूप से मंदिर था और मुगल शासक शाहजहां ने उसे मकबरे में तब्दील कराया। मुमताज को पहले बुरहानपुर में दफनाया गया था, लेकिन बाद में जहां मंदिर का निर्माण हो रहा था, उसी स्थान पर शव को दफन कर ताजमहल का निर्माण कराया गया - कैलाश विजयवर्गीय pic.twitter.com/DY8qBVON3l
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) December 25, 2025
बिहार पर विजयवर्गीय की टिप्पणी
विजयवर्गीय ने उसी कार्यक्रम में बिहार के लोगों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि बिहारी व्यक्ति को विनम्र होना आवश्यक नहीं है, लेकिन भाजपा नेता नितिन नबीन ने विनम्रता से सफलता प्राप्त की है। इस पर भी ऑनलाइन प्रतिक्रियाएं मिली-जुली आईं। कुछ ने इसे सामान्य राजनीतिक बयान माना, जबकि कुछ ने इसे आपत्तिजनक बताया।
कांग्रेस का कड़ा विरोध
कांग्रेस ने इस बयान की कड़ी निंदा की है। प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि भाजपा मंत्री सीमाएं पार कर रहे हैं और भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने यह भी पूछा कि अगर बिहारियों के बारे में ऐसी सोच है तो भाजपा ने वहां गठबंधन क्यों किया। गुप्ता ने मजाक में कहा कि ऐसे नेता अपनी अलग इतिहास की किताब लिखें।
विजयवर्गीय के पूर्व विवाद
कैलाश विजयवर्गीय अपने विवादास्पद बयानों के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में उन्होंने महिलाओं के कपड़ों पर टिप्पणी की थी कि कम कपड़े पहनना उचित नहीं है। इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों के मामले में भी उनकी बातें विवाद का कारण बनी थीं। राहुल और प्रियंका गांधी पर भी उन्होंने हमले किए हैं। यह बयान दर्शाता है कि जब बड़े नेता ऐसे दावे करते हैं, तो वे अधिक चर्चा में आते हैं।
