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कोडीन कफ सिरप मामले में यूपी एसटीएफ की कार्रवाई, पांच फार्मा कंपनियां जांच के दायरे में

उत्तर प्रदेश की एसटीएफ ने कोडीन कफ सिरप मामले में पांच फार्मा कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू की है। आरोपियों के साथ मिलीभगत के सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है। इस मामले में कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं, और जांच में यह सामने आया है कि कई कंपनियों ने इस गिरोह का सहयोग किया। जानें इस हाई प्रोफाइल मामले की पूरी कहानी और एसटीएफ की कार्रवाई के बारे में।
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कोडीन कफ सिरप मामले में यूपी एसटीएफ की कार्रवाई, पांच फार्मा कंपनियां जांच के दायरे में

कोडीन कफ सिरप प्रकरण की जांच

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने कोडीन कफ सिरप मामले में पांच फार्मा कंपनियों को अपने रडार पर लिया है। इन कंपनियों के खिलाफ आरोपियों के साथ मिलीभगत के सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। एसटीएफ ने लखनऊ और वाराणसी में फरार आरोपियों के परिवारों से भी पूछताछ की है और उनसे कई दस्तावेज मांगे हैं। बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह, अमित टाटा और विभोर राणा के खिलाफ भी कई सबूत इकट्ठा किए गए हैं, जिनमें उनके बैंक खातों से मिली महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल हैं।


गिरोह के मास्टरमाइंड का खुलासा

इस गिरोह के मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल के लेन-देन के सबूत भी मिले हैं। ये लोग लंबे समय से कोडीन युक्त सिरप की सप्लाई कर रहे थे। आरोपियों ने एबॉट कंपनी के सिरप का उत्पादन बंद करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया और पश्चिम बंगाल तक सिरप की सप्लाई की। इसके बाद इसे बांग्लादेश और नेपाल में तस्करी के लिए भेजा गया। विभोर राणा की गिरफ्तारी के बाद इस पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ। एसटीएफ की जांच में यह भी सामने आया है कि कई फार्मा कंपनियों ने इस गिरोह का सहयोग किया है।


सात और फर्मों के लाइसेंस निरस्त

वाराणसी में कफ सिरप तस्करों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) ने कार्रवाई तेज कर दी है। शनिवार को सात और दवा फर्मों के लाइसेंस निरस्त किए गए हैं। इनमें से कई संचालकों ने क्रय-विक्रय का रिकॉर्ड नहीं दिया, जबकि कुछ ने गलत जानकारी प्रदान की। शुभम जायसवाल के पिता भोला प्रसाद की रांची स्थित फर्म ने बनारस में 126 फर्मों को कोडीन युक्त कफ सिरप की सप्लाई की थी। जांच में कई फर्में बंद पाई गईं और कुछ के पास क्रय-विक्रय का रिकॉर्ड नहीं मिला। अब तक 41 दवा फर्म संचालकों पर मुकदमा दर्ज किया जा चुका है।


खीरी से जुड़े तार

कोडीन कफ सिरप कांड के तार लखीमपुर से भी जुड़े हैं, जहां अवैध कोडीन का भंडारण पाया गया है। ड्रग इंस्पेक्टर ने अवैध कोडीन जब्त कर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने आरोपियों को जेल भेज दिया है।


मिर्जापुर में गिरफ्तारी

मिर्जापुर में फर्जी दस्तावेजों के जरिए कोडीनयुक्त सिरप की अवैध तस्करी करने वाले दो आरोपियों को अदलहाट पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किया। उन्हें बरईपुर (छोटा मिर्जापुर) से पकड़ा गया। जांच में पता चला है कि दोनों के बैंक खातों से करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ है।