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कोयंबटूर में अस्पताल की लापरवाही: बेटे ने बीमार पिता को फर्श पर खींचा

तमिलनाडु के कोयंबटूर में एक बेटे ने अपने बीमार पिता को अस्पताल के फर्श पर खींचा, क्योंकि व्हीलचेयर उपलब्ध नहीं थी। यह घटना अस्पताल की लापरवाही को उजागर करती है और स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती है। नेता प्रतिपक्ष ने इस शर्मनाक स्थिति की निंदा की है और सरकार से सुधार की मांग की है। जानें इस घटना के बारे में और क्या कदम उठाए जाएंगे।
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कोयंबटूर में अस्पताल की लापरवाही: बेटे ने बीमार पिता को फर्श पर खींचा

कोयंबटूर में अस्पताल की चौंकाने वाली घटना

तमिलनाडु के कोयंबटूर से एक चिंताजनक वीडियो सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है। इस क्लिप में एक बेटा अपने बीमार पिता को अस्पताल के फर्श पर खींचते हुए नजर आ रहा है। यह सब तब हुआ जब सरकारी जनरल अस्पताल ने दो घंटे इंतजार करने के बावजूद व्हीलचेयर उपलब्ध नहीं कराई।


दृश्य ने लोगों को किया स्तब्ध

वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि बेटा अपने पिता को जमीन पर खींचने की कोशिश कर रहा है, जबकि अस्पताल में मौजूद अन्य लोग इस दृश्य को देखकर हैरान रह गए। यह घटना अस्पताल की सुविधाओं और प्रबंधन की गंभीर कमी को उजागर करती है।


नेता प्रतिपक्ष ने उठाए सवाल

नेता प्रतिपक्ष नैनार नागेंद्रन ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में मरीजों को कपड़े की स्ट्रेचर पर ले जाया जाता है, लेकिन अब मल्टी स्पेशलिटी अस्पतालों में भी मरीजों को इस तरह अपमानित किया जा रहा है। नागेंद्रन ने मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन से अपील की है कि सरकार अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में दिखावटी विज्ञापनों के बजाय स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार पर ध्यान दे।


लोगों की भावनाएं झकझोरने वाली घटना

उन्होंने जोर देकर कहा कि अस्पतालों में आम लोगों को सम्मानजनक और सुविधाजनक इलाज मिलना चाहिए। इस घटना ने तमिलनाडु की स्वास्थ्य व्यवस्था की असलियत को उजागर कर लोगों के दिलों को झकझोर दिया है। नागरिकों की मांग है कि इस प्रकार की लापरवाहियों के लिए तुरंत कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में किसी मरीज या उनके परिवार को इस तरह की शर्मनाक स्थिति का सामना न करना पड़े.


स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता


यह मामला स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को भी दर्शाता है, जहां बुनियादी सुविधाएं जैसे व्हीलचेयर भी उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे हालात में मरीजों और उनके परिजनों को असुविधा और मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ता है, जो निंदनीय है।


स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी पर सवाल

इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों को उम्मीद है कि संबंधित अधिकारी उचित जांच करेंगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे, साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए ठोस प्रयास किए जाएंगे।