कोयला खनिकों के लिए नई सुरक्षा नीति: 1 करोड़ रुपये का बीमा और ड्रेस कोड

कोयला मंत्रालय की नई पहल
कोयला मंत्रालय ने देश के लाखों खनिकों के सम्मान और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने खदानों में कार्यरत सभी कर्मचारियों के लिए एक विशेष 'ड्रेस कोड' और 1 करोड़ रुपये का दुर्घटना बीमा कवर लागू करने की योजना बनाई है। यह पहल उन श्रमिकों को नई पहचान और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।नई नीति के अनुसार, सभी कोयला खनिकों को एक पेशेवर वर्दी प्रदान की जाएगी, जिसमें हेलमेट, गमबूट, विशेष यूनिफॉर्म और टोपी शामिल होगी। इसका उद्देश्य केवल एक समान पहनावा लागू करना नहीं है, बल्कि उनकी सुरक्षा को बढ़ाना और उन्हें एक पेशेवर पहचान देना है, जिससे उनका आत्म-विश्वास और सम्मान बढ़ सके।
इस योजना का सबसे महत्वपूर्ण पहलू 1 करोड़ रुपये का 'समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा' है। यह बीमा खनिकों को किसी भी अनहोनी की स्थिति में आर्थिक सहायता प्रदान करेगा।
यह बीमा खदान में कार्यरत सभी कर्मचारियों को कवर करेगा। यदि किसी खनिक की काम के दौरान मृत्यु या स्थायी विकलांगता होती है, तो उनके परिवार को 1 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी।
सबसे खास बात यह है कि इस बीमा का पूरा प्रीमियम संबंधित कोयला कंपनियों द्वारा भरा जाएगा, जिससे खनिकों या उनके परिवारों पर कोई वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा।
यह निर्णय उन लाखों खनिकों के लिए एक बड़ी राहत है, जो हर दिन अपनी जान जोखिम में डालकर देश के लिए ऊर्जा का उत्पादन करते हैं। यह न केवल उनके मनोबल को बढ़ाएगा, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकार उनकी मेहनत और जोखिमों को समझती है और उनके कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध है।