कोयला माफिया के खिलाफ ED की बड़ी कार्रवाई: 44 ठिकानों पर छापेमारी
नई दिल्ली में ED की कार्रवाई
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 21 नवंबर 2025 को कोयले के अवैध खनन और बिक्री से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महत्वपूर्ण कार्रवाई की है।
झारखंड में 20 ठिकानों पर छापे
ED ने धनबाद और दुमका में 20 स्थानों पर छापेमारी की। इन ठिकानों से लाल बहादुर सिंह, अनिल गोयल, संजय खेपका और अमर मंडल से संबंधित दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए गए। एजेंसी ने इन व्यक्तियों के घरों, कार्यालयों और अन्य परिसरों की जांच की। यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि इनकी कंपनियों का अवैध कोयला व्यापार में कितना योगदान था। ED ने इस कार्रवाई में स्थानीय अधिकारियों से मिली जानकारी का भी उपयोग किया है।
पश्चिम बंगाल में 24 ठिकानों की जांच
पश्चिम बंगाल में दुर्गापुर, पुरुलिया, हावड़ा और कोलकाता में 24 स्थानों पर तलाशी ली गई। इनमें घर, कार्यालय, अवैध टोल वसूली केंद्र और कोक प्लांट शामिल थे। ये ठिकाने नरेंद्र खड़का, कृष्ण मुरारी कयाल, युधिष्ठिर घोष, राज किशोर यादव और लोकेश सिंह जैसे व्यक्तियों से जुड़े थे। ED को इन परिसरों में नगदी, दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड मिले, जो अवैध कारोबार की पुष्टि करते हैं।
बरामद संपत्ति और दस्तावेज
छापेमारी के दौरान 14 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और सोने के गहने जब्त किए गए। इसके अलावा, भारी मात्रा में अपराध से जुड़े दस्तावेज, जमीन और संपत्ति के एमओयू, डिजिटल डिवाइस और संस्थाओं की बुक्स ऑफ अकाउंट्स बरामद हुई। ये सभी सबूत FIR में लगाए गए आरोपों की पुष्टि करते हैं। ED का उद्देश्य पूरे नेटवर्क की संरचना और अवैध गतिविधियों का पता लगाना है।
ED और CRPF का संयुक्त ऑपरेशन
इस छापेमारी में ED के 100 से अधिक अधिकारी शामिल थे। कार्रवाई को सफल बनाने के लिए CRPF की मदद भी ली गई। एजेंसी ने छापेमारी की योजना महीनों पहले से तैयार की थी और सभी ठिकानों को एक साथ निशाना बनाया। कार्रवाई में तेजी इस बात का संकेत देती है कि ED ने पूरे नेटवर्क की गहन जांच की है और अवैध धन के स्रोत और उसके लाभार्थियों का पता लगाने का प्रयास किया है।
FIR और जांच का बैकग्राउंड
ED की कार्रवाई पश्चिम बंगाल और झारखंड पुलिस द्वारा दर्ज कई FIRs पर आधारित है। आरोप है कि दोनों राज्यों की सीमा क्षेत्रों में अवैध कोयला आपूर्ति का बड़ा नेटवर्क सक्रिय है। बिना वैध दस्तावेजों के झारखंड से कोयला पश्चिम बंगाल में भेजा जाता रहा। जांच से यह भी सामने आया कि स्थानीय अधिकारियों की मदद से संगठित रैकेट चल रहा था और अवैध कमाई का बड़ा गोदाम बनाया गया।
सिंडिकेट और अवैध गतिविधियां
जांच में यह पता चला कि सिंडिकेट ने सीमा क्षेत्रों में अवैध कोयला व्यापार को नियंत्रित किया। दस्तावेज और डायरी से यह स्पष्ट हुआ कि नगदी को जोड़ने और लाभार्थियों को वितरित करने की व्यवस्था पहले से बनाई गई थी। नेटवर्क में शामिल लोग अलग-अलग व्यवसायों और कंपनियों के माध्यम से पैसा ब्लैक करने का प्रयास कर रहे थे। ED अब सभी ठिकानों और दस्तावेजों की गहन जांच कर रहा है।
आगे की कार्रवाई और कानूनी प्रक्रिया
ED अब सभी बरामद दस्तावेजों, डिजिटल रिकॉर्ड और एमओयू की जांच में जुटा है। एजेंसी आरोपियों के बैंक रिकॉर्ड, संपत्ति और लेन-देन का विश्लेषण कर रही है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि अवैध कमाई में शामिल हर व्यक्ति की भूमिका सामने आए। जांच के परिणामों के आधार पर ED आगे गिरफ्तारियों और कानूनी कार्रवाई की योजना बना रहा है।
