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कोयला माफियाओं के खिलाफ ED की बड़ी कार्रवाई, झारखंड और पश्चिम बंगाल में छापेमारी

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड और पश्चिम बंगाल में कोयला माफियाओं के खिलाफ एक बड़े अभियान की शुरुआत की है। इस कार्रवाई में 40 से अधिक स्थानों पर छापे मारे गए हैं, जिसमें प्रमुख व्यापारियों और माफिया नेटवर्क पर ध्यान केंद्रित किया गया है। जानें इस अभियान के पीछे की वजहें और संभावित खुलासे।
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कोयला माफियाओं के खिलाफ ED की बड़ी कार्रवाई, झारखंड और पश्चिम बंगाल में छापेमारी

प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोयला व्यापारियों और कथित माफियाओं के खिलाफ एक महत्वपूर्ण अभियान शुरू किया है। इस कार्रवाई के तहत, एजेंसी ने झारखंड और पश्चिम बंगाल में 40 से अधिक स्थानों पर छापे मारे हैं।


इस अभियान का मुख्य उद्देश्य कोयला कारोबार से जुड़े प्रमुख व्यापारियों और माफिया नेटवर्क पर ध्यान केंद्रित करना है। इसी संदर्भ में, दिल्ली में बुलाए गए कोयला व्यापारी नरेंद्र खड़का के साल्ट लेक स्थित आवास पर भी तलाशी चल रही है। ED की टीमें एक साथ कई कारोबारियों के घरों और कार्यालयों पर कार्रवाई कर रही हैं।


झारखंड में छापे: रांची की ED टीम ने झारखंड के 18 स्थानों पर छापे मारे हैं। ये छापेमारियां कोयला चोरी और तस्करी से जुड़े मामलों पर आधारित हैं। जिन मामलों में कार्रवाई की जा रही है, उनमें अनिल गोयल, संजय उद्योग, एल. बी. सिंह और अमर मंडल शामिल हैं। इन मामलों में बड़े पैमाने पर कोयला चोरी और सरकारी राजस्व को सैकड़ों करोड़ रुपये की हानि होने की जानकारी मिली है।


इसके अतिरिक्त, ED की दूसरी टीम ने पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर, पुरुलिया, हावड़ा और कोलकाता में 24 स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई अवैध खनन, गैर-कानूनी ढुलाई और कोयले के अवैध भंडारण से संबंधित मामलों में की जा रही है। जिन व्यक्तियों के ठिकानों पर तलाशी हो रही है, उनमें नरेंद्र खड़का, अनिल गोयल, युधिष्ठिर घोष, कृष्ण मुरारी कायल सहित कई अन्य नाम शामिल हैं। इस संयुक्त अभियान को कोयला माफिया नेटवर्क के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है। एजेंसी का कहना है कि आने वाले दिनों में इस मामले में और खुलासे हो सकते हैं। उल्लेखनीय है कि कोयला व्यापार में पहले भी कई अनियमितताओं के मामले सामने आते रहे हैं।