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कोरोना की चौथी लहर का प्रभाव 21 से 28 दिन तक रह सकता है, विशेषज्ञों का अनुमान

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कोरोना वायरस की चौथी लहर आती है, तो इसका प्रभाव 21 से 28 दिनों तक रह सकता है। हालांकि, यह दूसरी लहर की तुलना में कम घातक होगी। कोविड के मामलों में वृद्धि का कारण नए वेरिएंट हैं, लेकिन चिंता की कोई आवश्यकता नहीं है। टीकाकरण के बावजूद सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। जानें विभिन्न राज्यों में कोविड के मामलों की स्थिति और हालात।
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कोरोना की चौथी लहर का प्रभाव 21 से 28 दिन तक रह सकता है, विशेषज्ञों का अनुमान

कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि


नई दिल्ली: देश में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के बीच, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि कोरोना वायरस की चौथी लहर आती है, तो इसका प्रभाव 21 से 28 दिनों तक रह सकता है, लेकिन यह दूसरी लहर की तुलना में कम घातक होगी।


कोविड में वृद्धि का कारण

विशेषज्ञों का कहना है कि 2022 के बाद उभरते वेरिएंट के कारण कोविड के मामलों में वृद्धि हुई है, लेकिन इनमें से कोई भी गंभीर संकट उत्पन्न नहीं कर रहा है। इसलिए, इस समय चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि पहले भी बिना किसी बड़ी जटिलता के इसी तरह की वृद्धि देखी गई है।


टीकाकरण के बावजूद सावधानी आवश्यक

विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि जिन लोगों ने टीका लगवाया है, उन्हें भी सावधानी बरतनी चाहिए। टीकाकरण नए वेरिएंट से पूरी सुरक्षा नहीं दे सकता है, लेकिन टीकों से प्राप्त प्रतिरक्षा अभी भी संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकती है।


महाराष्ट्र में सबसे अधिक मौतें

भारत में कोविड के सक्रिय मामलों की संख्या 1,326 हो गई है, जिसमें 14 मौतें दर्ज की गई हैं। चार नए कोविड वेरिएंट के सामने आने के बाद मामलों में वृद्धि हो रही है, जिसमें जेएन.1 सबसे प्रचलित है। महाराष्ट्र में कोरोना से सबसे अधिक छह मौतें हुई हैं, जबकि अन्य राज्यों में भी मामले और मौतें दर्ज की जा रही हैं।


राज्यों में कोविड के मामले

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में सरकारी डेंटल कॉलेज के दो छात्रों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। महाराष्ट्र के ठाणे में एक 67 वर्षीय व्यक्ति की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मौत हो गई, जिसे टीका नहीं लगा था। पंजाब के लुधियाना में एक 40 वर्षीय व्यक्ति की सांस लेने में तकलीफ के बाद मौत हुई। राजस्थान के जयपुर में भी दो मौतें हुई हैं।