कोर्ट ने ट्रंप के नेशनल गार्ड तैनाती पर लगाई रोक, कानून का उल्लंघन पाया

ट्रंप प्रशासन को एक और कानूनी झटका
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक और कानूनी झटका लगा है। हाल ही में, उनके द्वारा लागू किए गए टैरिफ को अदालत ने असंवैधानिक करार दिया था, हालांकि उस पर रोक नहीं लगाई गई थी। अब, एक और फैसले में, अदालत ने ट्रंप के एक निर्णय पर रोक लगा दी है। अदालत ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी कानून का उल्लंघन किया है।
नेशनल गार्ड की तैनाती पर अदालत का निर्णय
जज ने यह निर्णय सुनाया कि ट्रंप प्रशासन ने पिछले साल गर्मियों में लॉस एंजेलेस में नेशनल गार्ड सैनिकों को तैनात करके कानून का उल्लंघन किया। वाशिंगटन में 2 सितंबर को सुनाए गए फैसले में न्यायाधीश ने कहा कि प्रशासन की यह कार्रवाई पॉसे कॉमिटेटस एक्ट का उल्लंघन करती है, जो घरेलू कानून प्रवर्तन के लिए सैन्य बलों के उपयोग पर रोक लगाता है। उन्होंने नेशनल गार्ड की तैनाती को गैरकानूनी ठहराया, लेकिन अपील के लिए समय देते हुए 12 सितंबर तक निर्णय पर रोक लगा दी।
कैलिफ़ोर्निया के गवर्नर की अपील
कैलिफ़ोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम ने इस मामले में अदालत में अपील की थी। उन्होंने कहा कि जून में 4,000 नेशनल गार्ड सैनिकों और 700 अमेरिकी मरीन की तैनाती ट्रंप की आव्रजन नीतियों के खिलाफ फैले असंतोष को दबाने के प्रयास का हिस्सा थी।
ट्रंप प्रशासन का बचाव
ट्रंप प्रशासन ने अपने बचाव में कहा कि पॉसे कॉमिटेटस अधिनियम लागू नहीं होता क्योंकि सैनिक सीधे तौर पर आव्रजन कानून के लिए नहीं लगाए गए थे, बल्कि वे फेडरल एजेंटों और संपत्ति की रक्षा कर रहे थे। संविधान राष्ट्रपति को ऐसे मामलों में सैन्य बलों के उपयोग की अनुमति देता है।
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