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कोलकाता एयरपोर्ट पर मस्जिद की स्थिति से उड़ान सुरक्षा पर खतरा

कोलकाता का NSCBI एयरपोर्ट, जो देश के प्रमुख हवाई अड्डों में से एक है, बैंकड़ा मस्जिद की स्थिति के कारण सुरक्षा चिंताओं का सामना कर रहा है। मस्जिद की उपस्थिति से सेकेंडरी रनवे की क्षमता प्रभावित हो रही है, जिससे उड़ान संचालन में खतरे उत्पन्न हो रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस समस्या का समाधान न होने तक एयरपोर्ट की क्षमता बढ़ाना मुश्किल होगा। जानें इस मुद्दे के पीछे का इतिहास और इसके संभावित समाधान के बारे में।
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कोलकाता एयरपोर्ट पर मस्जिद की स्थिति से उड़ान सुरक्षा पर खतरा

कोलकाता का NSCBI एयरपोर्ट चर्चा में

कोलकाता का NSCBI एयरपोर्ट, जो देश के प्रमुख हवाई अड्डों में से एक है, हाल ही में एक अनोखी समस्या के कारण सुर्खियों में है। यहां रनवे के निकट स्थित बैंकड़ा मस्जिद ने न केवल इंजीनियरिंग चुनौतियाँ पेश की हैं, बल्कि उड़ानों की सुरक्षा पर भी सवाल उठाए हैं। मस्जिद की स्थिति के कारण सेकेंडरी रनवे का पूरा उपयोग नहीं हो पा रहा है। हाल के दिनों में एयर सुरक्षा की बढ़ती निगरानी के चलते यह मुद्दा और भी गंभीर हो गया है, जिससे अधिकारियों के सामने समाधान खोजने की चुनौती खड़ी हो गई है.


बैंकड़ा मस्जिद का ऐतिहासिक महत्व

बैंकड़ा मस्जिद का इतिहास एयरपोर्ट से भी पुराना है। यह मस्जिद लगभग 1890 में बनी थी और तब यह किसी विवाद का हिस्सा नहीं थी। लेकिन 20वीं सदी में जब एयरफील्ड का निर्माण और विस्तार हुआ, तब यह ढांचा एयरपोर्ट परिसर में आ गया। समय के साथ, यह मस्जिद रनवे के सुरक्षा क्षेत्र में पहुँच गई, जिससे उड़ान संचालन पर खतरा उत्पन्न हो गया.


सेकेंडरी रनवे की सीमाएँ

कोलकाता एयरपोर्ट में दो समानांतर रनवे हैं। मुख्य रनवे अधिकांश उड़ानों को संभालता है, जबकि सेकेंडरी रनवे बैकअप के रूप में कार्य करता है। मस्जिद की उपस्थिति के कारण सेकेंडरी रनवे के उत्तरी छोर को लगभग 88 मीटर पीछे करना पड़ा, जिससे इसकी उपयोगी लंबाई कम हो गई। अधिकारियों का मानना है कि यह कमी आपातकालीन स्थितियों और कम दृश्यता में जोखिम को बढ़ा सकती है.


सुरक्षा मानकों में कमी

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अनुसार, हर रनवे के अंत में कम से कम 240 मीटर खाली क्षेत्र होना चाहिए ताकि विमान सुरक्षित रूप से धीमा हो सके या ओवरशूट की स्थिति को संभाला जा सके। लेकिन मस्जिद के कारण यह दूरी घटकर लगभग 160 मीटर रह जाती है। इस तकनीकी कमी ने बड़े विमानों के सुरक्षित संचालन पर सवाल खड़े कर दिए हैं, विशेषकर धुंधभरी सर्दियों में.


यात्री संख्या में वृद्धि और सुरक्षा की चुनौती

NSCBI एयरपोर्ट तेजी से बढ़ते यातायात को संभाल रहा है। देश-विदेश की उड़ानों के बढ़ते दबाव के बीच सेकेंडरी रनवे की सीमित क्षमता भविष्य की विस्तार योजनाओं को प्रभावित कर सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक सुरक्षा बाधा को दूर नहीं किया जाता, एयरपोर्ट की क्षमता बढ़ाना मुश्किल होगा.


धरोहर और सुरक्षा का टकराव

बैंकड़ा मस्जिद का मामला धरोहर, आस्था और आधुनिक विमानन आवश्यकताओं के बीच टकराव का एक उदाहरण है। धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना आवश्यक है, लेकिन सुरक्षा जोखिमों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। कोलकाता एयरपोर्ट, जो पूर्वी भारत का प्रमुख प्रवेश द्वार है, की सुचारु कार्यक्षमता अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इस मुद्दे का ठोस समाधान ही सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करेगा.