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कोलकाता में मूसलधार बारिश: दुर्गा पूजा की तैयारियों पर पड़ा असर

कोलकाता में सोमवार रात से हुई मूसलधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। कई क्षेत्रों में पानी भर गया है, जिससे यातायात ठप हो गया है। इस दौरान करंट लगने से चार लोगों की मौत हो गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, बारिश की तीव्रता अधिकतम रही है, जिससे दुर्गा पूजा की तैयारियों पर भी असर पड़ा है। जानें इस स्थिति के बारे में और क्या जानकारी है।
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कोलकाता में मूसलधार बारिश: दुर्गा पूजा की तैयारियों पर पड़ा असर

कोलकाता में बारिश ने जनजीवन को किया प्रभावित

Kolkata Rain: कोलकाता और उसके आस-पास के क्षेत्रों में सोमवार रात से हुई अत्यधिक बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई स्थानों पर पानी घुटनों तक भर गया, जिससे लोगों के लिए घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया और यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि सड़कें और कॉलोनियां तालाब में बदल गईं।


इस बीच, जलभराव वाले क्षेत्रों में बिजली के तार गिरने से कई दर्दनाक घटनाएं भी हुईं। कालिकापुर, बेनियापुकुर, गरियाहाट और नेताजी नगर में करंट लगने से चार लोगों की जान चली गई। जलभराव में शव भी तैर रहे हैं, लेकिन बिजली के तारों के कारण उन्हें तुरंत बाहर नहीं निकाला जा सका। यह घटना दुर्गा पूजा से पहले शहर के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है।


भारी बारिश से शहर में जलभराव

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, अलीपुर में सुबह 5:30 बजे तक 239 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 6:30 बजे तक बढ़कर 247.4 मिमी हो गई। पिछले 24 घंटों में कुल 247.5 मिमी वर्षा हुई है। दक्षिण और पूर्वी कोलकाता में बारिश की तीव्रता सबसे अधिक रही।


कोलकाता नगर निगम (KMC) के अनुसार, गरिया कमदाहारी में सबसे अधिक 332 मिमी बारिश हुई। इसके अलावा जाधवपुर पार्क में 285 मिमी, कालीघाट में 280.2 मिमी, टॉपसिया में 275 मिमी, बालीगंज में 264 मिमी और चेतला में 262 मिमी बारिश दर्ज की गई।


प्रभावित क्षेत्र

बारिश से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में मोमिनपुर (234 मिमी), चिंगरीहाटा (237 मिमी), पामर बाजार (217 मिमी), धापा (212 मिमी), सीपीटी नहर (209.4 मिमी), उल्टाडांगा (207 मिमी), कुदघाट (203.4 मिमी), पागलडांगा (201 मिमी), कुलिया (196 मिमी) और थांठनिया (195 मिमी) शामिल हैं।


रेलवे सेवाओं में बाधा

भारी बारिश और जलभराव का असर रेलवे सेवाओं पर भी पड़ा है। हावड़ा और सियालदह डिविजन में पानी भरने के कारण कई लोकल ट्रेनें बीच में ही रोक दी गईं या नई जगहों से शुरू की गईं। हावड़ा स्टेशन यार्ड, सियालदह साउथ स्टेशन यार्ड और चितपुर नॉर्थ कैबिन में पानी जमा रहा।


हावड़ा-न्यू जलपाईगुड़ी, हावड़ा-गया और हावड़ा-जमालपुर वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी लंबी दूरी की ट्रेनों को भी पुनर्निर्धारित करना पड़ा।


मेट्रो और हवाई सेवाओं पर असर

कोलकाता मेट्रो की सेवाएं भी जलभराव से प्रभावित हुईं। हालांकि, हवाई अड्डे पर फ्लाइट संचालन सामान्य रहा। एयरपोर्ट प्राधिकरण ने रनवे और एप्रन क्षेत्र में पानी निकालने के लिए पंप लगाए और यात्रियों को मामूली देरी की चेतावनी दी।


भविष्य का मौसम पूर्वानुमान

आईएमडी ने बताया कि बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्वी हिस्से में बना निम्न दबाव का क्षेत्र पश्चिम-उत्तर दिशा की ओर बढ़ेगा और बुधवार तक दक्षिण बंगाल के कई जिलों में भारी बारिश जारी रह सकती है। 25 सितंबर के आसपास एक और नया लो-प्रेशर सिस्टम बनने की संभावना है।


मंगलवार को कोलकाता का अधिकतम तापमान 30.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.3 डिग्री कम था, जबकि न्यूनतम तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस रहा। अधिकतम आर्द्रता 100 प्रतिशत और न्यूनतम 79 प्रतिशत रही।


दुर्गा पूजा की तैयारियों पर असर

लगातार हो रही बारिश ने दुर्गा पूजा की तैयारियों को भी बड़ा झटका दिया है। पंडाल निर्माण का काम बाधित हुआ है और बाजारों में रौनक कम हो गई है। आयोजकों और व्यापारियों को अब भीषण जलभराव के बीच त्योहार की तैयारियां पूरी करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।