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कोलकाता में लॉ छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना, तीन आरोपी गिरफ्तार

दक्षिण कोलकाता के एक लॉ कॉलेज में एक छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना ने सभी को झकझोर दिया है। मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा सहित तीन छात्रों को गिरफ्तार किया गया है। पीड़िता ने अपने साथ हुई क्रूरता का विस्तृत वर्णन किया है, जिसमें धमकाने और यौन उत्पीड़न के आरोप शामिल हैं। इस घटना ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है, और भाजपा ने इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पूरे देश में इस जघन्य अपराध के खिलाफ आवाज उठ रही है, और न्याय की मांग तेज हो रही है।
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कोलकाता में लॉ छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना, तीन आरोपी गिरफ्तार

कोलकाता में सामूहिक बलात्कार की घटना

कोलकाता बलात्कार मामला: दक्षिण कोलकाता के कस्बा क्षेत्र में एक लॉ कॉलेज में एक छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार की एक गंभीर घटना सामने आई है। इस मामले में तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) के पूर्व सदस्य मोनोजीत मिश्रा (31) और दो अन्य छात्रों, अहमद और मुखर्जी, को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत के आधार पर FIR दर्ज की है, जिसमें उसने अपने साथ हुई क्रूरता का विस्तृत वर्णन किया है।


पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा ने उसके शादी के प्रस्ताव को अस्वीकार करने के बाद उसे धमकाया। उसने कहा कि वह पहले से ही एक रिश्ते में है, जिसके बाद मिश्रा ने उसे एक कमरे में बंद कर दिया। उसने पीड़िता और उसके प्रेमी को जान से मारने की धमकी दी और उसके माता-पिता को गिरफ्तार करवाने की बात कही। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीड़िता ने कहा, "मैंने उनके पैर छुए, लेकिन उन्होंने मुझे जाने नहीं दिया... वे मुझे जबरन गार्ड रूम में ले गए, मेरे कपड़े उतारे और मेरे साथ बलात्कार किया।"


हॉकी स्टिक से पिटाई का आरोप


पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि मिश्रा ने इस पूरी घटना को रिकॉर्ड किया और धमकी दी कि अगर उसने विरोध किया तो वह वीडियो सार्वजनिक कर देगा। जब उसने यौन उत्पीड़न का विरोध करने और भागने की कोशिश की, तो आरोपी ने कथित तौर पर हॉकी स्टिक से उसकी पिटाई की, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई।


घटना का समय और गिरफ्तारी


रिपोर्ट्स के अनुसार, यह घटना बुधवार शाम 7:30 बजे से 10:50 बजे के बीच दक्षिण कलकत्ता लॉ कॉलेज परिसर में हुई। गुरुवार शाम को पुलिस ने कस्बा के एक ट्रैफिक सिग्नल पर मिश्रा और अहमद को हिरासत में लिया और उनके मोबाइल फोन जब्त किए। तीसरे संदिग्ध मुखर्जी को शुक्रवार सुबह 12:30 बजे उसके घर से गिरफ्तार किया गया, और उसका मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया गया।


भाजपा की कड़ी प्रतिक्रिया


इस घटना ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। भाजपा के सूचना प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने इस मामले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने एक पोस्ट में कहा, "रिपोर्टों से पता चलता है कि कॉलेज के अधिकारियों को अपराध होने के दौरान गेट बंद करने का निर्देश दिया गया था!" मालवीय ने तृणमूल कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा, "यह सिर्फ एक अपराध नहीं है। यह सर्वोच्च स्तर का कवर-अप है। टीएमसी बलात्कारियों और उनके संरक्षकों की पार्टी बन गई है।" उन्होंने आगे कहा, "हम राजनीतिक ताकत को इस अपराध को दबाने नहीं देंगे। हम ममता बनर्जी के शासन को न्याय की आवाज को दबाने नहीं देंगे। भाजपा पीड़ित के साथ मजबूती से खड़ी है और न्याय मिलने तक हम लगातार लड़ते रहेंगे।"



न्याय की मांग


यह घटना न केवल कोलकाता बल्कि पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाती है। समाज के सभी वर्गों से इस जघन्य अपराध के खिलाफ आवाज उठ रही है, और पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग तेज हो रही है। पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है, और जनता की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि इस मामले में कितनी जल्दी और सख्त कार्रवाई की जाएगी।