कोलकाता लॉ कॉलेज यौन उत्पीड़न मामला: बीजेपी का ममता सरकार पर हमला

पश्चिम बंगाल में राजनीतिक उथल-पुथल
कोलकाता के लॉ कॉलेज में यौन उत्पीड़न के मामले ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में हलचल मचा दी है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर तीखा हमला किया है। बीजेपी का आरोप है कि राज्य सरकार पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाय आरोपियों का समर्थन कर रही है और मामले की गंभीरता को छिपाने की कोशिश की जा रही है।
टीएमसी पर गंभीर आरोप
इस मामले में आरोपियों का संबंध सीधे तृणमूल कांग्रेस से जोड़ा जा रहा है, जिससे बीजेपी इसे महिलाओं की सुरक्षा और न्याय के मुद्दे से जोड़कर ममता सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है।
प्रदीप भंडारी का बयान
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने 29 जून को एक बयान में कहा कि ममता बनर्जी की सरकार पीड़िता के साथ नहीं, बल्कि आरोपियों के साथ खड़ी है। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है और राज्य प्रशासन पर सबूत मिटाने का संदेह है। भंडारी ने कहा कि आरोपी तृणमूल कांग्रेस से जुड़ा नेता है, जिसे बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
महुआ-कल्याण विवाद पर बीजेपी की प्रतिक्रिया
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर टीएमसी पर हमला करते हुए कहा कि पार्टी के आंतरिक झगड़ों को मीडिया में उछालकर गंभीर मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कल्याण बनर्जी अपनी पार्टी की महिला सांसद महुआ मोइत्रा को 'गोल्ड डिगर' कहकर अपमानित कर रहे हैं, जो एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है।
बीजेपी का स्पष्ट बयान
In another desperate distraction tactic, TMC MP Kalyan Banerjee has now stooped to attacking his own colleague, calling Mahua Moitra a gold digger.
— Amit Malviya (@amitmalviya) June 29, 2025
Let’s be clear: the BJP has nothing to do with the Trinamool Congress’s internal feuds. This is just Mamata Banerjee’s latest… pic.twitter.com/pGtAISLKbe
अमित मालवीय ने स्पष्ट किया कि बीजेपी का टीएमसी के आंतरिक झगड़ों से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि यह ममता बनर्जी की एक घिनौनी साजिश है, जिससे कोलकाता लॉ कॉलेज की पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग को कमजोर किया जा सके। बीजेपी नेता ने दोहराया कि पश्चिम बंगाल में महिलाएं ना केवल अपराधियों से, बल्कि राज्य सरकार से भी असुरक्षित हैं, जो आरोपियों को संरक्षण देती है।