कोलकाता सामूहिक दुष्कर्म मामला: आरोपी मोनोजीत मिश्रा का आपराधिक इतिहास और राजनीतिक संरक्षण

कोलकाता में सामूहिक दुष्कर्म की घटना
कोलकाता सामूहिक दुष्कर्म: 25 जून 2025 को साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज में हुई एक भयानक सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस मामले में मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा, जो तृणमूल कांग्रेस (TMC) की छात्र इकाई का पूर्व नेता है, का आपराधिक इतिहास अब धीरे-धीरे उजागर हो रहा है। पुलिस और कॉलेज के अधिकारियों के अनुसार, मोनोजीत एक आदतन अपराधी है, जिसके खिलाफ पहले से कई गंभीर मामले दर्ज हैं। उसे कॉलेज में 'मैंगो' के नाम से जाना जाता था, और उसका आपराधिक रिकॉर्ड कॉलेज कैंपस में हमेशा से प्रभावशाली रहा है।
आदतन अपराधी की पहचान
पुलिस के अनुसार, मोनोजीत मिश्रा पर चाकूबाजी, यौन हिंसा, और उगाही जैसे गंभीर अपराधों के पांच मामले दर्ज हैं। उसके दोस्त और कॉलेज के अन्य छात्र उसे एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जानते हैं, जिसके मन में हमेशा यौन अपराधों की प्रवृत्ति रहती थी। कई छात्राओं ने बताया कि मोनोजीत अक्सर एक ही सवाल पूछता था, “तुई अमाय बिये कोरबी (क्या तुम मुझसे शादी करोगी)?” इस सवाल के पीछे उसकी गलत मंशा स्पष्ट थी।
कॉलेज में प्रभाव और राजनीतिक संरक्षण
मोनोजीत मिश्रा का कॉलेज में इतना प्रभाव था कि वह और उसका गैंग, जिसे 'टीम MM' के नाम से जाना जाता था, कैंपस में मनमानी करते थे। 2013 में दाखिला लेने के तुरंत बाद उसने एक छात्र पर चाकू से हमला किया था, लेकिन राजनीतिक संरक्षण के कारण उसे गिरफ्तार नहीं किया गया। 2017 में, उसने 30-40 गुंडों के साथ कॉलेज में तोड़फोड़ की, जिसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके विपरीत, वह तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद का नेता बन गया और कॉलेज में उसका प्रभाव और बढ़ गया।
यौन उत्पीड़न और ब्लैकमेलिंग का इतिहास
मोनोजीत का व्यवहार लंबे समय से आपराधिक और साइकोपैथिक रहा है। वह छात्राओं की तस्वीरें लेता और उन्हें अपने दोस्तों के बीच शेयर करता था। कई छात्राओं ने उसके खिलाफ छेड़छाड़, उत्पीड़न, और उगाही की शिकायतें दर्ज की थीं, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। एक तृतीय वर्ष के छात्र ने बताया, “मैंगो और उसकी टीम छात्रों, खासतौर पर लड़कियों के लिए दहशत का पर्याय था।”
दोहरे चरित्र का पर्दाफाश
हैरानी की बात यह है कि मोनोजीत मिश्रा ने पिछले साल कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए रेप और हत्या के मामले में बलात्कारियों के लिए फांसी की मांग की थी। उसने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था, “रेपिस्ट को फांसी चाहिए। न्याय चाहिए, ड्रामा नहीं। तुरंत न्याय चाहिए। दोषियों को मौत की सजा चाहिए।” अब उसकी यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, और लोग उसके दोहरे चरित्र की आलोचना कर रहे हैं।
पुलिस जांच और गिरफ्तारी
कोलकाता पुलिस ने इस मामले में मोनोजीत मिश्रा, दो अन्य छात्रों प्रोमित मुखर्जी और जैद अहमद, और एक सिक्योरिटी गार्ड पिनाकी बनर्जी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है, जो सीसीटीवी फुटेज और पीड़िता के बयान के आधार पर मामले की गहराई से जांच कर रहा है। सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखता है कि पीड़िता को जबरन गार्ड रूम में ले जाया गया था।