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कोल्ड्रिफ सिरप विवाद: ईडी ने तमिलनाडु में छापे मारे

कोल्ड्रिफ सिरप विवाद ने एक नया मोड़ लिया है, जब ईडी ने तमिलनाडु में कंपनी के ठिकानों पर छापे मारे। इस कार्रवाई का संबंध उन बच्चों की मौत से है, जो इस सिरप के सेवन के बाद बीमार पड़े थे। जांच में जहरीले तत्वों की मौजूदगी का खुलासा हुआ है, जिससे कई राज्यों ने इस सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया है। जानें इस मामले में आगे क्या कार्रवाई की जा रही है और स्वास्थ्य मंत्री का क्या कहना है।
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कोल्ड्रिफ सिरप विवाद: ईडी ने तमिलनाडु में छापे मारे

कोल्ड्रिफ सिरप से जुड़ा नया मोड़


कोल्ड्रिफ सिरप विवाद: मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौत से जुड़े इस मामले ने एक नया मोड़ लिया है। सोमवार को, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चेन्नई में सात स्थानों पर छापे मारे। ये छापे श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स नामक कंपनी से संबंधित हैं, जो इस विवादास्पद सिरप का निर्माण करती है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत की गई है।


यह घटना तब सामने आई जब हाल ही में कंपनी के मालिक जी रंगनाथन को गिरफ्तार किया गया था। ईडी अधिकारियों के अनुसार, 'ईडी कोल्ड्रिफ सिरप के मामले में चेन्नई के सात स्थानों पर सर्च कर रही है, जिससे कई बच्चों की जान गई। इनमें तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल ऑफिस के वरिष्ठ अधिकारियों के आवास भी शामिल हैं।' छापों के दौरान दस्तावेज बरामद किए जा रहे हैं, जो कंपनी की वित्तीय गड़बड़ियों को उजागर कर सकते हैं।


श्रीसन फार्मा पर कार्रवाई

चेन्नई में श्रीसन फार्मा के ठिकानों पर छापे: ईडी ने श्रीसन फार्मा के अलावा, तमिलनाडु फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के उच्च अधिकारियों के आवासों पर भी दबिश दी। यह कार्रवाई हाल ही में सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन की जांच के बाद की गई है। सूत्रों के अनुसार, सीडीएससीओ ने टीएनएफडीए की लापरवाही को उजागर किया। श्रीसन फार्मा को 2011 में टीएनएफडीए से लाइसेंस मिला था, लेकिन खराब बुनियादी ढांचे के बावजूद कंपनी ने दस साल से अधिक समय तक बिना किसी सख्ती के काम किया।


सूत्रों ने बताया कि 'सीडीएससीओ ने श्रीसन फार्मा के किसी भी ऑडिट में भाग नहीं लिया। राज्य एफडीए ने कंपनी के बारे में सीडीएससीओ को कभी सूचना नहीं दी, जिससे यह फर्म केंद्रीय डेटाबेस में दर्ज नहीं हो सकी।'


सिरप में जहरीले तत्व

सिरप में जहरीले तत्व: यह खुलासा दर्शाता है कि राज्य स्तर पर निगरानी में बड़ी चूक हुई, जिससे नकली या खराब दवाओं का बाजार में प्रवेश हुआ। कोल्ड्रिफ सिरप विवाद तब शुरू हुआ जब मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चे इसकी वजह से बीमार पड़े और कई की जान चली गई। जांच में यह पाया गया कि सिरप में जहरीले तत्व थे, जो बच्चों के लिए घातक साबित हुए। इसके बाद कई राज्यों ने इसे बैन कर दिया और दवा की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा दी।


जांच की प्रक्रिया

ड्रग कंट्रोलर विभाग की जांच: तमिलनाडु में, जहां कंपनी का प्लांट स्थित है, राज्य सरकार ने सिरप के सैंपल का परीक्षण कराया। स्वास्थ्य मंत्री एमए सुब्रमण्यम ने कहा, 'ड्रग कंट्रोलर विभाग हर पहलू की जांच करेगा, जिसमें एक्सपायरी दवाओं की सप्लाई का मामला भी शामिल है। जांच पूरी होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।'