Newzfatafatlogo

कोविड वैक्सीनेशन पर नई गाइडलाइंस: क्या हर साल टीका लगवाना जरूरी है?

कोविड वैक्सीनेशन पर हाल ही में नई गाइडलाइंस जारी की गई हैं, जिसमें सभी के लिए सालाना टीका लगवाना अनिवार्य नहीं बताया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को बूस्टर टीके लगवाने की सलाह दी जा रही है। हालिया शोध से यह भी पता चला है कि कोविड टीके उतने प्रभावी नहीं हैं, जितना पहले दावा किया गया था। इसके अलावा, वैक्सीनेशन के संभावित साइड इफेक्ट्स पर भी चर्चा हो रही है। जानें इस विषय पर और क्या कहते हैं विशेषज्ञ।
 | 
कोविड वैक्सीनेशन पर नई गाइडलाइंस: क्या हर साल टीका लगवाना जरूरी है?

कोविड वैक्सीनेशन का महत्व

नई दिल्ली। विभिन्न वैश्विक अध्ययनों से यह स्पष्ट हुआ है कि कोविड वैक्सीनेशन ने न केवल कोरोना संक्रमण के गंभीर प्रभावों को कम किया, बल्कि लाखों लोगों की जान भी बचाई। हाल के वर्षों में, विश्व स्वास्थ्य संगठनों और स्वास्थ्य विभागों ने कोविड को एक मौसमी वायरस के रूप में मानना शुरू कर दिया है। इसका मतलब यह है कि जैसे हर साल फ्लू या इन्फ्लूएंजा के टीके लगवाए जाते हैं, वैसे ही कोविड वैक्सीन की भी वार्षिक डोज की सिफारिश की जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि विशेष रूप से 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को हर साल कोविड के बूस्टर टीके लगवाने चाहिए ताकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता नए वैरिएंट्स के खिलाफ मजबूत बनी रहे। कोविड वैक्सीन के संबंध में अब नई गाइडलाइंस जारी की गई हैं, जिसमें वैज्ञानिकों ने महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं।


सीडीसी की नई गाइडलाइंस

कोविड वैक्सीन को लेकर सीडीसी ने जारी की नई गाइडलाइन

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने हाल ही में अपनी नई गाइडलाइंस में सभी लोगों के लिए कोविड-19 के टीके लगवाने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। टीका सलाहकार विशेषज्ञों के एक समूह ने कहा है कि अब यह लोगों की व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करेगा कि वे टीका लगवाना चाहते हैं या नहीं।


सालाना टीकाकरण की आवश्यकता

सीडीसी ने बताया कि उन्होंने सलाहकारों की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है, जिसमें कहा गया है कि अब वार्षिक टीके सभी के लिए अनिवार्य नहीं हैं। अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने पहले 6 महीने और उससे अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए सालाना कोविड-19 बूस्टर की सिफारिश की थी, जिसका उद्देश्य कोरोनावायरस के लगातार म्यूटेशन के खिलाफ लोगों की इम्युनिटी को मजबूत करना था।


टीकाकरण की नई दिशा

सभी को सालाना वैक्सीन की जरूरत नहीं

जैसे-जैसे कोविड-19 महामारी का प्रभाव कम हुआ, विशेषज्ञों ने हर साल टीके की सिफारिश को 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों तक सीमित कर दिया था, जिनके अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु का खतरा अधिक हो सकता है। अब सालाना टीकाकरण को पूरी तरह से लोगों की इच्छा पर छोड़ दिया गया है।


वैक्सीनेशन के प्रभाव

सोमवार (6 अक्तूबर) को स्वास्थ्य एवं मानव सेवा उप सचिव जिम ओ'नील ने कहा कि यह कहना कि कोरोना अब पूरी तरह से समाप्त हो गया है, सही नहीं है, लेकिन अब सभी लोगों को इसकी सालाना आवश्यकता नहीं लगती। उच्च जोखिम वाले समूह के लोग अपने डॉक्टर की सलाह पर टीकाकरण करा सकते हैं।


वैक्सीनेशन की प्रभावशीलता

कोविड के टीके उतने प्रभावी नहीं

हाल ही में वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक अध्ययन में बताया कि कोविड के टीके उतने प्रभावी नहीं हैं, जितना पहले दावा किया गया था। 50 प्रतिशत टीकों का असर तेजी से कम होता देखा गया है। जापानी वैज्ञानिकों के नए शोध से पता चला है कि फाइजर और मॉडर्ना द्वारा बनाए गए एमआरएनए टीकों ने गंभीर बीमारियों को रोकने में मदद की, लेकिन प्रतिरक्षा सुरक्षा में तेजी से गिरावट आई है।


साइड इफेक्ट्स पर चर्चा

खतरनाक साइड इफेक्ट्स को लेकर है चर्चा

कोविड वैक्सीन्स को लेकर लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि वैक्सीन लगवाने वाले लोगों में हृदय से संबंधित समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है, हालांकि वैज्ञानिकों की एक अन्य टीम ने इन दावों को खारिज किया था।

एक हालिया रिपोर्ट में कोरियन वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि कोविड वैक्सीन कैंसर के खतरे को भी बढ़ा सकती है। विशेषज्ञों ने कहा है कि वैक्सीन के प्रभावों पर लंबी अवधि की निगरानी आवश्यक है। यह खतरा 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में सबसे अधिक देखा जा रहा है। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्पष्ट नहीं किया है कि टीकों ने इस जोखिम को क्यों बढ़ाया होगा?