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क्या RBI करेगा Repo Rate में कटौती? जानें अक्टूबर में होने वाले बदलाव

अक्टूबर में RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में Repo Rate में संभावित कटौती की चर्चा हो रही है। SBI की रिपोर्ट के अनुसार, रेपो रेट 0.25% घटकर 5.25% हो सकता है, जिससे लोन की ब्याज दरें कम होंगी और ईएमआई पर राहत मिलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई में कमी और भू-राजनीतिक तनाव के चलते यह कटौती संभव है। जानें इस बदलाव का आम जनता पर क्या असर पड़ेगा।
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क्या RBI करेगा Repo Rate में कटौती? जानें अक्टूबर में होने वाले बदलाव

RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठक

RBI Cut Repo Rate : जैसे ही सितंबर का अंत नजदीक आ रहा है, अक्टूबर कई महत्वपूर्ण परिवर्तनों के साथ दस्तक देने वाला है। LPG सिलेंडर की कीमतों में बदलाव से लेकर UPI और NPS से जुड़े नियमों में संशोधन होने जा रहे हैं। विशेष रूप से, लोन लेने वालों के लिए 1 अक्टूबर एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि इसी दिन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) अपने निर्णयों की घोषणा करेगी। इस निर्णय का कर्जधारकों की ईएमआई पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है.


रेपो रेट में संभावित कटौती
SBI की एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, RBI इस बार रेपो रेट में 0.25% यानी 25 बेसिस पॉइंट्स की कमी कर सकता है, जिससे यह दर 5.25% तक गिर सकती है। वर्तमान में रेपो रेट 5.50% है। यदि यह कटौती होती है, तो आम जनता को राहत मिल सकती है क्योंकि इससे लोन की ब्याज दरें कम होंगी और ईएमआई घट सकती है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि RBI दरों को स्थिर भी रख सकता है.


कटौती के कारण...
महंगाई में हालिया कमी और अमेरिका द्वारा भारतीय शिपमेंट्स पर टैरिफ बढ़ाने के प्रभाव को देखते हुए रेपो रेट में कटौती एक उचित विकल्प माना जा रहा है। इसके अलावा, मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव भी इस निर्णय को प्रभावित कर सकते हैं। पिछले MPC बैठकों में पहले ही फरवरी, अप्रैल और जून में रेपो रेट में कटौती की जा चुकी है, जिससे यह 6.50% से घटकर 5.50% तक आ गया था.


विशेषज्ञों की राय...
क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी के अनुसार, कोर महंगाई दर ऐतिहासिक स्तर से नीचे बनी हुई है, जो अतिरिक्त डिमांड प्रेशर की कमी को दर्शाती है। इसके चलते अक्टूबर में कटौती की संभावना बढ़ जाती है। वहीं, बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री का मानना है कि भले ही गुंजाइश कम हो, लेकिन माहौल को देखते हुए दरों में कटौती संभव है। इस प्रकार, नया महीना आम जनता के लिए उम्मीदों के साथ शुरू होने जा रहा है, चाहे वह महंगाई से राहत की हो, लोन पर ईएमआई घटने की या फिर रोजमर्रा की सेवाओं से जुड़े नियमों में बदलाव की.