क्या अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव कम होगा? ट्रंप और जिनपिंग की बातचीत पर नजर

ट्रंप और जिनपिंग के बीच फोन वार्ता
America vs China: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच व्यापारिक तनाव को लेकर शुक्रवार को फोन पर बातचीत हुई। यह जून के बाद दोनों नेताओं के बीच पहली सीधी वार्ता थी। इस चर्चा को टिकटॉक के अमेरिका में संचालन से जुड़ी चर्चाओं के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि, इस बातचीत का विस्तृत विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है और न ही वाइट हाउस ने इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी किया है।
व्यापारिक मुद्दों पर बढ़ते मतभेद
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार
यह वार्ता उस समय हुई है जब अमेरिका और चीन के बीच व्यापार और तकनीकी मुद्दों पर मतभेद बढ़ते जा रहे हैं। वाशिंगटन, बीजिंग पर उच्च टैरिफ और अमेरिकी बाजारों में पहुंच को लेकर दबाव बना रहा है। इसके साथ ही, टिकटॉक की डेटा सुरक्षा को लेकर अमेरिका ने कड़ा रुख अपनाया है। अमेरिका ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि टिकटॉक की चीनी मूल कंपनी बाइटडांस अपने अमेरिकी संचालन को नहीं बेचती, तो इस ऐप पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
ट्रंप और जिनपिंग के बीच संवाद
वाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह फोन कॉल वाशिंगटन समयानुसार सुबह 8 बजे शुरू हुई। ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद यह शी जिनपिंग से उनकी दूसरी सीधी बातचीत थी। इससे पहले 5 जून को ट्रंप ने बताया था कि शी जिनपिंग ने उन्हें चीन आने का निमंत्रण दिया है और उन्होंने भी शी को अमेरिका आने का न्योता दिया है। इस कॉल को उसी कूटनीतिक संवाद की अगली कड़ी माना जा रहा है।
एपेक शिखर सम्मेलन की तैयारी
शिखर सम्मेलन के दौरान हो सकती है मुलाकात
रिपोर्टों के अनुसार, इस बातचीत को 30 अक्टूबर से 1 नवंबर तक दक्षिण कोरिया में होने वाले एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) शिखर सम्मेलन से पहले की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों नेता इस शिखर सम्मेलन के दौरान आमने-सामने मुलाकात कर सकते हैं।
कुल मिलाकर, यह फोन वार्ता न केवल व्यापार और तकनीकी विवादों को सुलझाने की दिशा में एक प्रयास मानी जा रही है, बल्कि इससे यह भी संकेत मिलता है कि दोनों देश अपने संबंधों में जमी बर्फ को पिघलाने और संवाद बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं। यह देखना अब महत्वपूर्ण होगा कि टिकटॉक और व्यापारिक समझौतों को लेकर दोनों देशों के बीच कोई ठोस नतीजा निकलता है या नहीं।