क्या अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में आएगी नई गर्माहट? जानें 25 सितंबर की महत्वपूर्ण बैठक के बारे में

अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में नई दिशा
अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ 25 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) सत्र के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करने की योजना बना रहे हैं। यह बैठक उच्च-स्तरीय और संवेदनशील मुद्दों पर केंद्रित होने की संभावना है। रिपोर्टों के अनुसार, इस चर्चा में पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष फील्ड मार्शल असीम मुनीर भी शामिल हो सकते हैं, जिससे इस बैठक का महत्व और बढ़ जाएगा.
महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा
सूत्रों के अनुसार, इस मुलाकात में कई महत्वपूर्ण विषयों पर विचार किया जाएगा। इनमें पाकिस्तान में हाल की विनाशकारी बाढ़, कतर पर इजराइल के हमले के परिणाम, और क्षेत्रीय स्थिरता से जुड़े मुद्दे शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा, अमेरिका और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक साझेदारी और ऊर्जा सहयोग पर भी चर्चा होने की संभावना है.
भारत-पाकिस्तान संबंधों पर ध्यान
इस वार्ता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भारत-पाकिस्तान संबंध भी होंगे। अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे। इस घटना के बाद भारत ने ऑपरेशन 'सिंदूर' शुरू किया, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की गई.
भारत-पाक तनाव की पृष्ठभूमि
भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद मई 2025 में दोनों देशों के बीच सैन्य गतिरोध की स्थिति बनी रही, लेकिन बाद में सहमति से सैन्य गतिविधियां रोक दी गईं। इस बीच, ट्रंप ने कई बार कहा है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम स्थापित कराने में मदद की, हालांकि भारत ने इन दावों को खारिज किया है.
पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों में सुधार
पाकिस्तान ने हाल के महीनों में अमेरिका के साथ संबंध सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं। जून 2025 में, असीम मुनीर ने व्हाइट हाउस में ट्रंप के साथ एक निजी दोपहर भोज किया था। इसके अलावा, पाकिस्तान ने 2021 के काबुल एयरपोर्ट बम धमाके के लिए वांछित एक वरिष्ठ आईएसआईएस आतंकी को अमेरिका को सौंपा, जिस पर ट्रंप ने इस्लामाबाद की प्रशंसा की थी.
संबंधों में नरमी का संकेत
इन प्रयासों का परिणाम यह रहा कि दोनों देशों के बीच तनाव में कमी आई है। ट्रंप ने पाकिस्तान में नई निवेश योजनाओं की घोषणा की और भारतीय वस्तुओं की तुलना में पाकिस्तानी निर्यात पर कम शुल्क लगाने का आश्वासन दिया। इससे यह स्पष्ट होता है कि वाशिंगटन इस्लामाबाद के साथ अपने आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने के लिए इच्छुक है.