क्या अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष में अपनी भूमिका को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया?

ट्रंप का विवादास्पद बयान
ट्रंप का टैरिफ पर बयान: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाने के बाद एक बार फिर से भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध के बारे में एक बड़ा बयान दिया है। ट्रंप ने दावा किया कि 2025 में चार दिनों तक चले सैन्य संघर्ष के दौरान स्थिति परमाणु युद्ध की ओर बढ़ सकती थी, लेकिन उनकी मध्यस्थता से इसे नियंत्रित किया गया। यह बयान उन्होंने व्हाइट हाउस में अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव और आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिनयान की उपस्थिति में एक त्रिपक्षीय शांति समझौते पर हस्ताक्षर करते समय दिया।
संघर्ष के दौरान विमान गिरने का दावा
ट्रंप ने कहा कि इस संघर्ष के दौरान पांच या छह विमान गिराए गए थे, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये विमान किस देश के थे। इससे पहले भी ट्रंप ने कई बार ऐसे दावे किए हैं, जिसमें उन्होंने खुद को वैश्विक संकटों का समाधानकर्ता बताया है। भारत ने इस पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उसका रुख स्पष्ट है कि पाकिस्तान के साथ तनाव को बातचीत के माध्यम से सुलझाया गया था, न कि किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से।
व्यापार समझौतों को बताया समाधान
ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को व्यापारिक समझौतों के माध्यम से हल किया। उनके अनुसार, यह व्यापारिक पहल ही थी जिसने दोनों देशों को पीछे हटने पर मजबूर किया और स्थिति को शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त करने में मदद की। ट्रंप ने इसे अपनी एक बड़ी कूटनीतिक सफलता बताया और कहा कि उनका लक्ष्य दुनिया में शांति और स्थिरता लाना है।
भारत-पाक संबंधों में अमेरिका की भूमिका
भारत हमेशा से यह कहता आया है कि पाकिस्तान के साथ उसके द्विपक्षीय संबंधों में कोई तीसरा पक्ष मध्यस्थता नहीं कर सकता। हालांकि, ट्रंप बार-बार ऐसे दावे करते रहे हैं, जिनका भारत ने या तो खंडन किया है या अनदेखा किया है। यह ताजा बयान भी उसी सिलसिले का हिस्सा माना जा रहा है।