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क्या अमेरिका ने ईरान के खतरे से बचने के लिए अपने सैन्य विमानों को हटाया?

हाल ही में कतर के अल उदीद एयरबेस से लगभग 40 अमेरिकी सैन्य विमानों के गायब होने की खबर आई है, जो संभावित ईरानी हमलों से सुरक्षा के लिए उठाया गया कदम हो सकता है। सैटेलाइट इमेज से यह स्पष्ट हुआ है कि एयरबेस पर पहले मौजूद विमानों की संख्या में भारी कमी आई है। अमेरिकी दूतावास ने क्षेत्रीय तनाव के चलते कर्मियों को सतर्क रहने की सलाह दी है। जानें इस स्थिति के पीछे की रणनीति और अमेरिका की प्रतिक्रिया के बारे में।
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क्या अमेरिका ने ईरान के खतरे से बचने के लिए अपने सैन्य विमानों को हटाया?

US-Iran Tensions: अमेरिकी विमानों की अदृश्यता

US-Iran Tensions: मध्य पूर्व में अमेरिका के प्रमुख सैन्य ठिकाने, कतर के अल उदीद एयरबेस से पिछले दो हफ्तों में लगभग 40 अमेरिकी सैन्य विमानों का अचानक गायब होना चिंता का विषय बन गया है। यह जानकारी सैटेलाइट इमेज के विश्लेषण से प्राप्त हुई है, जो यह संकेत देती है कि अमेरिका ने संभावित ईरानी हमलों से अपने संसाधनों की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाया हो सकता है।


Planet Labs PBC द्वारा जारी की गई 5 से 19 जून के बीच की सैटेलाइट तस्वीरों में यह स्पष्ट है कि पहले एयरबेस पर कई विमानों की तैनाती थी, लेकिन 19 जून तक केवल तीन विमान ही वहां देखे गए। अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने इस कदम पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन इसे क्षेत्रीय तनाव और ईरान के साथ बढ़ते विवाद के बीच एक रणनीतिक निर्णय माना जा रहा है।




सैटेलाइट तस्वीरों में बदलाव

5 जून की तस्वीरों में अल उदीद एयरबेस पर लगभग 40 सैन्य विमान मौजूद थे, जिनमें C-130 हरक्यूलिस ट्रांसपोर्ट प्लेन और आधुनिक टोही विमान शामिल थे। लेकिन 19 जून की तस्वीरों में केवल तीन विमान ही दिखाई दिए।


अमेरिकी दूतावास की चेतावनी

कतर में स्थित अमेरिकी दूतावास ने हाल ही में एक बयान जारी कर कहा कि क्षेत्रीय तनाव के कारण और सुरक्षा के दृष्टिकोण से एयरबेस की पहुंच को सीमित किया जा रहा है। दूतावास ने वहां तैनात अमेरिकी कर्मियों को सतर्क रहने की सलाह दी है।


यूरोप में भेजे गए टैंकर विमान

AFP के विश्लेषण के अनुसार, 15 से 18 जून के बीच कम से कम 27 अमेरिकी सैन्य टैंकर विमान, जैसे कि KC-46A पेगासस और KC-135 स्ट्रैटो टैंकर, अमेरिका से यूरोप भेजे गए। इनमें से 25 विमान अभी भी यूरोप में हैं, जबकि केवल दो अमेरिका लौटे हैं। ये टैंकर विमान लंबी दूरी के वायु अभियानों के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि अमेरिका किसी दीर्घकालिक ऑपरेशन की तैयारी कर रहा है।


अमेरिकी सेनाएं हाई अलर्ट पर

मध्य पूर्व में अमेरिकी सेनाएं उच्च सतर्कता पर हैं। वहां तैनात सैन्य परिवारों को स्वेच्छा से ठिकाने छोड़ने की अनुमति दी गई है। वर्तमान में क्षेत्र में लगभग 40,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं, जबकि सामान्यत: यह संख्या 30,000 होती है। अक्टूबर में इजरायल और ईरान के बीच तनाव के समय यह संख्या 43,000 तक पहुंच गई थी।


अमेरिका का आधिकारिक बयान

पेंटागन ने अतिरिक्त बलों की आवाजाही पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन कहा कि "अमेरिकी सैनिक हर स्थिति में तेजी से प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार हैं, यह ईरान के साथ हालात पर निर्भर करेगा।"


अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जल्द ही यह निर्णय लेंगे कि अमेरिका ईरान के खिलाफ इजरायल की सैन्य और परमाणु कार्रवाई में शामिल होगा या नहीं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने बताया, "इस बात की संभावना है कि ईरान के साथ वार्ता जल्द हो सकती है या नहीं। इस पर विचार करते हुए, राष्ट्रपति ट्रंप आगामी दो हफ्तों में इस पर निर्णय लेंगे।"