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क्या अमेरिका-भारत व्यापारिक रिश्तों में आएगा बदलाव? ट्रंप का टैरिफ पर नया बयान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ को लेकर एक बार फिर से तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि भारत लंबे समय से अमेरिका पर भारी टैरिफ लगाकर उसे नुकसान पहुंचा रहा है, लेकिन अब भारत टैरिफ हटाने के लिए तैयार है। ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते तनावपूर्ण हैं। भारत ने ट्रंप के हालिया कार्यकारी आदेश पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। जानें इस मुद्दे का क्या असर होगा भारत-अमेरिका के रिश्तों पर।
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क्या अमेरिका-भारत व्यापारिक रिश्तों में आएगा बदलाव? ट्रंप का टैरिफ पर नया बयान

ट्रंप का टैरिफ पर बयान

ट्रंप का टैरिफ: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत के खिलाफ टैरिफ को लेकर तीखी टिप्पणी की है। मंगलवार को दिए गए अपने बयान में ट्रंप ने कहा कि भारत लंबे समय से अमेरिका पर भारी टैरिफ लगाकर उसे नुकसान पहुंचा रहा है, लेकिन अब भारत ने संकेत दिया है कि वह टैरिफ को हटाने के लिए तैयार है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध पहले से ही तनावपूर्ण हैं। हाल ही में ट्रंप ने भारतीय आयातों पर 50 प्रतिशत तक शुल्क लगाने की घोषणा की थी, जिससे दोनों देशों के बीच मतभेद और बढ़ गए हैं।


ट्रंप का दावा

ट्रंप का दावा 


ट्रंप ने एक रेडियो शो में कहा कि चीन, भारत और ब्राजील जैसे देश टैरिफ लगाकर अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह टैरिफ को किसी भी व्यक्ति से बेहतर समझते हैं और इसलिए कई देश इन्हें कम करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। ट्रंप ने यह दावा किया कि भारत सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाला देश रहा है, लेकिन अब उन्होंने आश्वासन दिया है कि कोई नया टैरिफ नहीं लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि अमेरिका ने कठोर टैरिफ नीति नहीं अपनाई होती, तो भारत ऐसा प्रस्ताव कभी नहीं रखता।


ट्रंप की आर्थिक रणनीति

ट्रंप ने यह भी बताया कि टैरिफ उनकी आर्थिक रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और इन्हीं के माध्यम से अमेरिका को मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अदालत द्वारा कई टैरिफ को असंवैधानिक घोषित किए जाने के बावजूद यह मामला उन देशों द्वारा प्रायोजित है जो अमेरिका के फायदे पर निर्भर हैं।


भारत की प्रतिक्रिया

गौरतलब है कि ट्रंप ने हाल ही में 6 अगस्त को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया गया। भारत पर यह शुल्क पहले से लागू 25 प्रतिशत टैरिफ के अलावा लगाया गया था। इस कदम को भारत ने अन्यायपूर्ण और अनुचित बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी।


विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया

विदेश मंत्रालय ने क्या कहा? 


विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका का यह निर्णय दोहरे मानदंडों को दर्शाता है। मंत्रालय के अनुसार, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने भारत पर ऐसे कदमों के लिए अतिरिक्त शुल्क लगाया है, जिन्हें कई अन्य देश भी अपने हितों में अपना रहे हैं। हम इसे अनुचित और अविवेकपूर्ण मानते हैं। भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।


भविष्य की संभावनाएँ

इस घटनाक्रम से स्पष्ट है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव फिलहाल समाप्त होने वाला नहीं है और आने वाले दिनों में यह मुद्दा दोनों देशों के रिश्तों की बड़ी कसौटी साबित हो सकता है।