क्या ईरान और इजरायल के बीच युद्धविराम की नई शुरुआत है? ट्रंप का बड़ा ऐलान

ईरान और इजरायल के बीच सैन्य तनाव में कमी
ईरान और इजरायल के बीच लंबे समय से चल रहे सैन्य संघर्ष में अब एक नई मोड़ आ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज सुबह अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर यह घोषणा की कि दोनों देशों के बीच अब सीजफायर लागू हो गया है। यह ऐलान उस समय किया गया जब दोनों देशों के बीच हमलों का दौर जारी था, लेकिन ट्रंप ने स्पष्ट किया कि अब यह लड़ाई समाप्त हो चुकी है।
सीजफायर के बावजूद जारी रहे हमले
हालांकि, सीजफायर की घोषणा के बावजूद ईरान ने इजरायल पर मिसाइल हमले किए, जिनमें तीन यहूदी नागरिकों की जान चली गई। इजरायल ने भी जवाबी कार्रवाई की, लेकिन संकेत मिल रहे हैं कि दोनों देश अब युद्धविराम को मानने के लिए तैयार हैं। इस बीच, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका के समर्थन को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि इजरायल ने अपने सभी सैन्य लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया है।
ट्रंप ने सीजफायर की पुष्टि की
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पोस्ट में कहा, “ईरान और इजरायल के बीच अब सीजफायर लागू होता है।” इस बयान से ट्रंप ने यह स्पष्ट किया कि भले ही ईरान की ओर से कुछ हमले हुए हों, लेकिन आधिकारिक तौर पर दोनों देशों ने युद्धविराम की सहमति दे दी है।
परमाणु खतरे को खत्म करने में अमेरिका की भूमिका
इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमने अपने सभी लक्ष्य हासिल कर लिए हैं। ईरान के न्यूक्लियर प्लांट्स को नष्ट कर दिया गया है और बैलिस्टिक मिसाइल के खतरे को भी समाप्त किया गया है। हम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने इजरायल का समर्थन किया और हमें इस गंभीर खतरे से निपटने में मदद की।”
ईरान की हमलों की रणनीति
हालांकि, ट्रंप के ऐलान के तुरंत बाद भी मंगलवार सुबह ईरान ने मिसाइलें दागी। इन हमलों में तीन यहूदी नागरिकों की मौत हुई। इजरायल ने भी जवाबी कार्रवाई की, लेकिन दोनों देशों ने इन हमलों की सार्वजनिक पुष्टि नहीं की है। फिर भी, राजनयिक सूत्रों के अनुसार, यह स्पष्ट है कि अब दोनों पक्ष पीछे हटने को तैयार हैं।
ईरान ने हमलों की जानकारी क्यों दी?
रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि ईरान ने अपने नागरिकों के बीच यह संदेश देने के लिए हमलों की योजना बनाई कि उन्होंने इजरायल और अमेरिका से प्रतिशोध लिया है। इसी रणनीति के तहत, ईरान ने जब इराक और कतर में अमेरिकी ठिकानों पर हमले किए, तो उनकी जानकारी पहले ही मीडिया को दे दी गई थी। इसका मतलब है कि सीजफायर से पहले भी उसने प्रतीकात्मक जवाब देने की कोशिश की।