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क्या जनवरी 2026 में भारत आएंगे यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की? जानें क्या है पूरी कहानी

नई दिल्ली में कूटनीतिक हलचलें तेज़ हो गई हैं, जिसमें यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के जनवरी 2026 में भारत आने की संभावना पर चर्चा हो रही है। यह प्रस्तावित दौरा भारत की संतुलित विदेश नीति का हिस्सा है, जिसमें नई दिल्ली रूस और यूक्रेन दोनों के साथ संवाद बनाए रख रही है। प्रधानमंत्री मोदी की सक्रिय कूटनीति और ज़ेलेंस्की के साथ नियमित संवाद इस यात्रा के महत्व को बढ़ाते हैं। जानें इस दौरे के पीछे की कहानी और भारत-यूक्रेन संबंधों का भविष्य।
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क्या जनवरी 2026 में भारत आएंगे यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की? जानें क्या है पूरी कहानी

नई दिल्ली में कूटनीतिक गतिविधियाँ


नई दिल्ली में कूटनीतिक हलचलें एक बार फिर से बढ़ गई हैं। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दो दिवसीय यात्रा के तुरंत बाद, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के जनवरी 2026 में भारत आने के संकेत मिल रहे हैं।


भारत की संतुलित विदेश नीति

यह प्रस्तावित यात्रा भारत की संतुलित विदेश नीति का एक हिस्सा मानी जा रही है, जिसमें नई दिल्ली रूस और यूक्रेन दोनों के साथ संवाद और सहयोग बनाए रखते हुए मौजूदा युद्ध के बीच संतुलन साधने का प्रयास कर रही है।


भारत ने हाल के वर्षों में स्पष्ट किया है कि वह किसी भी पक्ष का समर्थन नहीं कर रहा है, बल्कि समाधान के लिए संवाद और शांतिपूर्ण वार्ता को प्राथमिकता दे रहा है। इस संदर्भ में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रिय कूटनीति महत्वपूर्ण रही है।


ज़ेलेंस्की की यात्रा की तैयारी

रिपोर्टों के अनुसार, ज़ेलेंस्की के प्रस्तावित दौरे को लेकर भारत और यूक्रेन के अधिकारियों के बीच कई हफ्तों से बातचीत चल रही है। पुतिन की यात्रा से पहले, भारत ने कीव के साथ समन्वय बनाए रखा था। यूक्रेन के राजदूत ओलेक्सांद्र पोलिशचुक ने अगस्त 2025 में बताया था कि दोनों देश यात्रा की तारीख तय करने की दिशा में काम कर रहे हैं।


शांति की दिशा में भारत का रुख

भारत ने इस मुद्दे पर लगातार कहा है कि यूक्रेन संकट का समाधान केवल कूटनीति से ही संभव है। पुतिन के साथ हालिया बैठक में, प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत 'तटस्थ' नहीं है, बल्कि शांति के पक्ष में खड़ा है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी यही बात दोहराई कि बातचीत ही आगे का रास्ता है।


मोदी और ज़ेलेंस्की के बीच संवाद

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के बीच नियमित संवाद बना हुआ है। सितंबर 2024 में न्यूयॉर्क में उनकी द्विपक्षीय बैठक और कई फोन वार्ताओं में, दोनों नेताओं ने स्थिति को 'संकट' के रूप में संदर्भित किया, न कि 'युद्ध' या 'संघर्ष' के रूप में।


ज़ेलेंस्की की संभावित यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अब तक वे केवल तीन बार भारत आए हैं। यदि जनवरी 2026 का दौरा तय होता है, तो यह भारत-यूक्रेन संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ देगा।