क्या जम्मू-कश्मीर को मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा? उमर अब्दुल्ला का बयान

जम्मू और कश्मीर राज्य का दर्जा
जम्मू और कश्मीर राज्य का दर्जा: 5 अगस्त का दिन ऐतिहासिक महत्व रखता है। यह दिन जम्मू-कश्मीर से धारा 370 के हटने और राम मंदिर भूमि पूजन के लिए जाना जाता है। अब एक बार फिर इस दिन को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव और बिहार चुनाव के साथ, जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की संभावनाओं पर चर्चा हो रही है। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बयान भी सामने आया है।
उमर अब्दुल्ला का बयान
उमर अब्दुल्ला बोले- मानसून सत्र में कुछ सकारात्मक हो
उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में कल होने वाली घटनाओं के बारे में सभी संभावनाएं सुनी हैं। हालांकि, उनका मानना है कि कल कुछ विशेष नहीं होगा। उन्होंने कहा कि न तो कुछ बुरा होगा और न ही कुछ सकारात्मक होने की उम्मीद है। लेकिन, वे संसद के मानसून सत्र में जम्मू-कश्मीर के लिए कुछ सकारात्मक होने की उम्मीद रखते हैं, लेकिन यह कल नहीं होगा।
कयासों पर उमर का स्पष्टीकरण
कयासों पर क्या कहा?
उमर ने आगे कहा कि उन्होंने दिल्ली में किसी भी बातचीत या मुलाकात का हिस्सा नहीं लिया है। यह केवल एक आंतरिक भावना है। अब देखते हैं कि कल क्या होता है।
चर्चा का कारण
क्यों शुरू हुई ये चर्चा?
असल में, प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की है। वे एनडीए नेताओं के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं। अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के स्थानीय नेताओं और बीजेपी प्रमुख से भी बातचीत की है। सोमवार को ऑल इंडिया शिया एसोसिएशन के अध्यक्ष इमराज रजा अंसारी ने भी अमित शाह से मुलाकात की। चर्चा है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में मंगलवार को एनडीए नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक प्रस्तावित है। इन मुलाकातों के बीच जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव लाने की संभावना जताई जा रही है।