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क्या ट्रंप की कूटनीति ने भारत-पाकिस्तान युद्ध को टाला? जानें पूरी कहानी

डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र में दावा किया कि उनकी कूटनीति ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को टाल दिया। भारत ने इस दावे को खारिज कर दिया है, जबकि पाकिस्तान ने इसे स्वीकार किया है। इस स्थिति ने अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव को बढ़ा दिया है। ट्रंप के दावों का राजनीतिक प्रभाव क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा। जानें इस मुद्दे पर दोनों देशों की प्रतिक्रियाएँ और भविष्य की राजनीति पर संभावित प्रभाव।
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क्या ट्रंप की कूटनीति ने भारत-पाकिस्तान युद्ध को टाला? जानें पूरी कहानी

अंतरराष्ट्रीय मंच पर ट्रंप का दावा

International News: संयुक्त राष्ट्र के मंच पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यदि उनकी पहल नहीं होती, तो भारत और पाकिस्तान के बीच एक बड़ा युद्ध हो सकता था। उन्होंने इसे अपनी कूटनीतिक सफलता के रूप में प्रस्तुत किया और कहा कि इस संघर्ष को समाप्त कर हजारों जिंदगियाँ बचाई गईं। ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए, चाहे वह मिले या नहीं। उनका यह बयान तुरंत अंतरराष्ट्रीय मीडिया में चर्चा का विषय बन गया।


भारत का स्पष्ट असहमति

भारत का अलग रुख साफ

भारत ने ट्रंप के इस बयान को खारिज कर दिया है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर को उनकी रणनीति और पाकिस्तान की मांग के आधार पर रोका गया था। भारत ने स्पष्ट किया कि किसी तीसरे पक्ष के दबाव में कोई निर्णय नहीं लिया गया। इस स्वतंत्र रुख के कारण अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ गया, जिसके परिणामस्वरूप ट्रंप प्रशासन ने भारत पर कई अतिरिक्त टैरिफ भी लगाए।


पाकिस्तान का समर्थन

पाकिस्तान का समर्थन मिलता दिखा

पाकिस्तान ने ट्रंप के दावे का स्वागत किया और कहा कि उन्होंने युद्ध को टालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पाकिस्तानी नेताओं ने यह भी कहा कि ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए। हालांकि, हाल ही में पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री इशाक डार ने कहा कि अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने खुद स्वीकार किया कि भारत तीसरे पक्ष की दखलअंदाजी के खिलाफ है, जिससे पाकिस्तान का दावा कमजोर पड़ गया।


कश्मीर में शुरू हुआ संघर्ष

कश्मीर से शुरू हुई भिड़ंत

यह संघर्ष मई में कश्मीर में एक आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ, जिसके बाद भारत ने सख्त कार्रवाई की। पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। उस समय तनाव इतना बढ़ गया था कि दुनिया को चिंता थी कि कहीं परमाणु टकराव न हो जाए। ऐसे में अमेरिका ने व्यापारिक दबाव और कूटनीतिक संदेशों के माध्यम से दोनों देशों को पीछे हटने के लिए प्रेरित किया। यही ट्रंप का बड़ा दावा है।


ट्रंप के युद्ध समाप्त करने के दावे

सात युद्धों की गिनती

ट्रंप ने अपने भाषण में कहा कि उन्होंने कुल सात युद्ध समाप्त किए हैं, जिसमें भारत-पाक संघर्ष के साथ-साथ इज़रायल-ईरान, मिस्र-सूडान, रवांडा-कांगो, आर्मेनिया-अज़रबैजान और कंबोडिया-थाईलैंड के तनाव का भी उल्लेख किया। हालांकि, उनके दावों की संख्या कभी 6, कभी 11 तक पहुंच चुकी है। उनके विरोधियों का कहना है कि ट्रंप अपने भाषणों में संख्याओं को अपनी सुविधा के अनुसार बदलते रहते हैं।


संयुक्त राष्ट्र पर कटाक्ष

संयुक्त राष्ट्र पर किया कटाक्ष

ट्रंप ने यह भी कहा कि ये सभी काम संयुक्त राष्ट्र को करने चाहिए थे, लेकिन उसने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने अकेले दम पर युद्ध टालने का कार्य किया। उनके इस बयान से संयुक्त राष्ट्र महासभा में हलचल मच गई। कई देशों के प्रतिनिधि चुपचाप सुनते रहे, जबकि कुछ ने समर्थन भी जताया। ट्रंप का भाषण एक बार फिर चर्चा का केंद्र बन गया।


भविष्य की राजनीति पर प्रभाव

भविष्य की राजनीति पर असर

विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के ऐसे दावे उनकी चुनावी राजनीति का हिस्सा हैं। भारत और पाकिस्तान के मामले में उनका बयान दोनों देशों के रिश्तों पर प्रभाव डाल सकता है। भारत ने हमेशा कहा है कि वह किसी तीसरे पक्ष की दखलअंदाजी नहीं चाहता। ऐसे में ट्रंप के दावे भारत के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकते हैं। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में भारत और अमेरिका इस मुद्दे पर कैसे तालमेल बिठाते हैं।