क्या ठाणे के इंजीनियर ने जासूसी के लिए सोशल मीडिया का किया इस्तेमाल?

जासूसी के आरोप में गिरफ्तार मेकेनिकल इंजीनियर
ठाणे, महाराष्ट्र का 27 वर्षीय मेकेनिकल इंजीनियर रवींद्र वर्मा जासूसी के आरोप में पकड़ा गया है। महाराष्ट्र एटीएस ने उसे तब गिरफ्तार किया जब यह पता चला कि वह भारतीय युद्धपोतों और पनडुब्बियों से संबंधित संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तान को भेज रहा था। आरोपी ने ये जानकारियां स्केच, नक्शों और ऑडियो नोट्स के माध्यम से साझा की थीं.
फर्जी अकाउंट्स के जरिए जाल में फंसा
एटीएस की जांच में यह सामने आया कि रवींद्र को नवंबर 2024 में फेसबुक पर 'पायल शर्मा' और 'इसप्रीत' नाम के दो नकली अकाउंट्स से दोस्ती के लिए अनुरोध मिला था। ये अकाउंट्स खुद को महिलाएं बताकर पेश कर रहे थे। बातचीत के दौरान, इन फर्जी प्रोफाइल्स ने कहा कि वे भारत से हैं और युद्धपोतों पर आधारित एक प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं, जिससे रवींद्र उनके जाल में फंस गया।
जानबूझकर दी गई संवेदनशील जानकारियां
जांच अधिकारियों के अनुसार, रवींद्र एक रक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी में जूनियर इंजीनियर के रूप में कार्यरत था। उसे नौसेना डॉकयार्ड में जाने और जहाजों व पनडुब्बियों का निरीक्षण करने की अनुमति थी। चूंकि वहां मोबाइल फोन ले जाना मना था, वह काम खत्म कर बाहर आकर स्केच बनाकर या ऑडियो नोट्स भेजकर जानकारी साझा करता था। एटीएस को संदेह है कि उसने जहाजों और पनडुब्बियों के नाम भी पाक एजेंट को बताए।
बैंक खातों के माध्यम से मिली धनराशि
पुलिस के अनुसार, रवींद्र को इस जासूसी के लिए देश और विदेश के विभिन्न बैंक खातों से पैसे प्राप्त हुए। उसने कई बार जानबूझकर संवेदनशील जानकारियां साझा कीं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वह किसी भावनात्मक या धोखे में नहीं, बल्कि पूरी मंशा से जासूसी कर रहा था।
रक्षा प्रतिष्ठानों की सुरक्षा पर खतरा
रवींद्र द्वारा साझा की गई जानकारियां भारतीय नौसेना के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों से संबंधित थीं। इनमें युद्धपोतों की बनावट, तकनीकी विवरण और उनकी स्थिति शामिल थी। ये जानकारियां पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए अत्यंत उपयोगी हो सकती थीं, जिससे देश की सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता था।
सोशल मीडिया का खतरनाक पहलू
यह मामला एक बार फिर सोशल मीडिया के खतरनाक पहलू को उजागर करता है। कैसे एक साधारण फ्रेंड रिक्वेस्ट से शुरू हुई बातचीत देशद्रोह में बदल सकती है। एटीएस अब यह पता लगाने में जुटी है कि क्या रवींद्र जैसे और लोग भी इस जाल में फंसे हैं।
एटीएस की हिरासत में रवींद्र
रवींद्र को अदालत में पेश किया गया, जहां उसे 3 जून तक एटीएस की हिरासत में भेज दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि उससे और भी जानकारियां मिलने की संभावना है। जांच का दायरा अब उसके बैंक खातों और सोशल मीडिया चैट्स तक बढ़ा दिया गया है.