क्या तीसरे विश्व युद्ध को रोकने की संभावना है?
अमेरिका और रूस के बीच बढ़ता तनाव
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो अपने दृढ़ निर्णयों और तीखे बयानों के लिए जाने जाते हैं, इस बार पूरी ताकत से रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग को समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। ट्रंप का कहना है, "अब बहुत हो चुका है।" दूसरी ओर, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने अडिग रुख पर कायम हैं। व्हाइट हाउस से आई चेतावनी पुतिन तक पहुंची है, जिसमें कहा गया है, "अगर तुम हमारी बात नहीं मानते, तो तुम आग से खेल रहे हो।" ट्रंप की आवाज में गुस्सा और संभावित तबाही की आशंका साफ झलक रही थी। पुतिन ने भी जवाब में कहा है कि अगर उन पर दबाव डाला गया, तो तीसरे विश्व युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए।तीसरे विश्व युद्ध को रोकने के उपाय
दुनिया युद्ध की विनाशकारी कीमत को समझ चुकी है। बिखरे हुए शहर, उजड़े परिवार और राख में बदलते सपने युद्ध की असली तस्वीर हैं। इस त्रासदी को रोकने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय संगठन और देश मिलकर काम कर रहे हैं। उनका उद्देश्य केवल कागजों पर शांति लिखना नहीं है, बल्कि हथियारों की गरज को बातचीत में बदलना है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) और अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) जैसी संस्थाएं इसी उद्देश्य के लिए स्थापित की गई थीं। ये संस्थाएं संघर्षों को न्याय, संवाद और समझौतों के माध्यम से सुलझाने का प्रयास करती हैं।
दूसरे विश्व युद्ध से सबक
1940 के दशक में जब दुनिया युद्ध की आग में जल रही थी, शांति एक दूर का सपना लग रहा था। लेकिन अंततः त्याग, समझदारी और कठोर फैसलों के माध्यम से शांति स्थापित की गई। 8 मई 1945 को जर्मनी के आत्मसमर्पण के साथ एक युद्ध समाप्त हुआ, और यूरोप ने राहत की सांस ली। लेकिन जब अमेरिका ने 6 और 9 अगस्त को हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराए, तब मानवता ने विनाश के भयावह परिणामों को महसूस किया। 2 सितंबर 1945 को जापान के आत्मसमर्पण के साथ दुनिया ने एक नई शुरुआत की, और यही वह कहानी है जो संयुक्त राष्ट्र की स्थापना का आधार बनी।
