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क्या पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ है? विदेश मंत्री जयशंकर का UNGA में कड़ा बयान

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान पर तीखा हमला करते हुए उसे आतंकवाद का केंद्र बताया। उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की है और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। जयशंकर ने आतंकवाद को सामूहिक खतरा मानते हुए इसके वित्त पोषण को रोकने की बात की। उनका यह बयान वैश्विक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि आतंकवाद केवल एक देश का मुद्दा नहीं है। जानिए इस महत्वपूर्ण भाषण के बारे में और क्या कहा गया।
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क्या पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ है? विदेश मंत्री जयशंकर का UNGA में कड़ा बयान

जयशंकर का UNGA में पाकिस्तान पर हमला

S Jaishankar UN Speech: विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र में पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने खुलेआम आतंकवाद को अपनी राज्य नीति के रूप में स्वीकार किया है और वह लंबे समय से वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बना हुआ है. जयशंकर ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने इस हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और दोषियों को न्याय के कठघरे में खड़ा किया. भारत दशकों से आतंकवाद के इस संकट का सामना कर रहा है और इस खतरे से निपटना भारत की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है. उन्होंने आतंकवाद को सामूहिक खतरा बताया और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को आवश्यक बताया.


पाकिस्तान: आतंकवाद का केंद्र

पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद का केंद्र

विदेश मंत्री ने कहा कि भारत को आजादी के बाद से ही इस चुनौती का सामना करना पड़ रहा है  एक ऐसा पड़ोसी जो वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बना हुआ है. दशकों से विश्व भर में हुए बड़े आतंकी हमलों की जड़ें एक ही देश से जुड़ी पाई जाती हैं. संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की सूची में ऐसे कई नाम हैं जो उस देश के नागरिक हैं. जयशंकर ने पहलगाम में अप्रैल में हुए हमले को सीमा पार बर्बरता का ताज उदाहरण बताया और कहा कि भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए ऑपरेशन सिंदूर के जरिए कार्रवाई की और आतंकियों व उनके सरगनाओं को न्याय दिलाया.


आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों को मिलेगी सजा

आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों को भुगतना पड़ेगा अंजाम

जयशंकर प्रसाद ने कहा कि जब देश खुलेआम आतंकवाद को अपनी राज्य नीति घोषित करते हैं जब आतंकी ठिकाने औद्योगिक पैमाने पर संचालित होते हैं जब आतंकियों को सार्वजनिक रूप से महिमामंडित किया जाता है, तो ऐसी कार्रवाइयों की बिना किसी शर्त के निंदा होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद के वित्त पोषण को तुरंत रोका जाना चाहिए और बड़े आतंकियों पर सख्त प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए. आतंकवाद के पूरे नेटवर्क पर लगातार दबाव बनाया जाना चाहिए. जो देश आतंक को प्रायोजित करने वालों को सहारा देते हैं उन्हें अंततः इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में चेताया.


वैश्विक सहयोग की आवश्यकता

वैश्विक सहयोग की जरूरत 

जयशंकर प्रसाद ने अपने भाषण में यह भी कहा कि आतंकवाद केवल एक देश का मुद्दा नहीं है बल्कि यह पूरी दुनिया के लिए साझा खतरा है. उन्होंने कहा कि चूंकि आतंकवाद एक साझा खतरा है इसलिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच गहरा सहयोग बेहद जरूरी है.