क्या पाकिस्तान ईरान को देगा शाहीन-3 मिसाइल? इजरायल की चिंता बढ़ी

पाकिस्तान की शाहीन-3 मिसाइल का बढ़ता खतरा
अंतरराष्ट्रीय समाचार: ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष के बीच, पाकिस्तान की शाहीन-3 मिसाइल अचानक चर्चा का विषय बन गई है। यह आशंका जताई जा रही है कि पाकिस्तान अपनी इस लंबी दूरी की परमाणु मिसाइल को ईरान को सौंप सकता है। यदि ऐसा हुआ, तो यह न केवल इजरायल के लिए, बल्कि पूरे पश्चिम एशिया के लिए एक गंभीर संकट का कारण बन सकता है। शाहीन-3 को 'India Killer' के नाम से भी जाना जाता है, इसकी रेंज लगभग 2750 किलोमीटर है, जो इसे इजरायल तक पहुंचने में सक्षम बनाती है। ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच, पाकिस्तानी सैन्य रणनीतिकारों की ओर से ईरान को यह मिसाइल देने की संभावनाओं ने चिंता बढ़ा दी है। सूत्रों के अनुसार, ईरान के कुछ सैन्य अधिकारियों ने शाहीन-3 की क्षमताओं में रुचि दिखाई है। इसके साथ ही, चीन के साथ पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकियों और ईरान को सैन्य सहायता देने के संकेत एक नई धुरी का निर्माण कर सकते हैं।
इजरायल को शाहीन-3 से क्या खतरा है?
इजरायल की सैन्य खुफिया के लिए शाहीन-3 एक गंभीर चिंता का विषय है। यह मिसाइल न केवल लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम है, बल्कि यह परमाणु हथियार भी ले जा सकती है। यदि ईरान को यह मिसाइल मिलती है, तो इजरायल को तीन दिशाओं से खतरा हो सकता है—हमास, हिजबुल्ला और अब संभावित रूप से ईरान से भी। इजरायल की आयरन डोम रक्षा प्रणाली इतनी बड़ी मिसाइलों को रोकने में सक्षम नहीं मानी जाती। यही कारण है कि अमेरिकी पेंटागन ने भी इस पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
तीन तरफा घेराबंदी का खतरा
हालांकि पाकिस्तान आधिकारिक तौर पर ईरान को यह मिसाइल देने से इनकार कर सकता है, लेकिन बैकचैनल डिप्लोमेसी और गुप्त सैन्य सौदों का होना इस क्षेत्र में कोई नई बात नहीं है। पाकिस्तानी रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि शाहीन-3 की तकनीक को ट्रांसफर करना पाकिस्तान की पश्चिम एशिया में उपस्थिति को बढ़ा सकता है। अमेरिका और इजरायल को यह चिंता है कि पाकिस्तान इस अवसर का उपयोग कर ईरान के माध्यम से पश्चिमी शक्तियों पर दबाव बना सकता है। इस पूरे घटनाक्रम पर भारत भी सतर्क है।
क्या शाहीन-3 भारत के लिए है, लेकिन इजरायल पर गिरेगा?
दिलचस्प बात यह है कि शाहीन-3 को मूल रूप से भारत को निशाना बनाने के लिए डिजाइन किया गया था। लेकिन यदि यह मिसाइल अब इजरायल के खिलाफ इस्तेमाल होती है, तो यह पाकिस्तान की सैन्य नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देगी। भारत के रक्षा सूत्रों का मानना है कि यदि यह मिसाइल ईरान को दी जाती है, तो इसकी तकनीक आतंकी संगठनों तक भी पहुंच सकती है। इसलिए भारत इस पूरे घटनाक्रम पर कड़ी नजर रखे हुए है।
ईरान और पाकिस्तान की बढ़ती सैन्य नजदीकियां
पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान और ईरान के बीच सैन्य संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। दोनों देशों के बीच कुछ रक्षा समझौतों पर चर्चा हुई है, जिनका विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है। शाहीन-3 जैसे घातक हथियारों को लेकर दोनों के बीच बातचीत चल रही है, जिससे यह संकेत मिलता है कि ईरान इजरायल के खिलाफ प्रत्यक्ष हमले की तैयारी कर सकता है, और पाकिस्तान उसका प्रमुख सहयोगी बन सकता है।
इजरायल ने सुरक्षा बढ़ाई, पाकिस्तान पर दबाव
इजरायल अब इस संभावित खतरे का सामना करने के लिए अपनी सुरक्षा नीति की समीक्षा कर रहा है। वह अमेरिका और नाटो के सहयोग से अपनी मिसाइल रक्षा क्षमताओं को अपग्रेड करने में जुटा है। इसके साथ ही, इजरायल यह भी प्रयास कर रहा है कि पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाया जाए ताकि वह ईरान को कोई भी हथियार न दे सके। इस कूटनीतिक स्थिति में भारत की भूमिका संतुलन साधने वाली हो सकती है।