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क्या पाकिस्तान की परमाणु धमकी से अमेरिका चिंतित है? जानें माइकल रुबिन की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की अमेरिका यात्रा के दौरान दी गई परमाणु धमकी पर पूर्व पेंटागन अधिकारी माइकल रुबिन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे अस्वीकार्य बताते हुए ओसामा बिन लादेन की याद दिलाई। रुबिन ने कहा कि अमेरिका को पाकिस्तान को आतंकवाद प्रायोजित करने वाले देश के रूप में देखना चाहिए। भारत ने भी इस पर कड़ा रुख अपनाया है, स्पष्ट करते हुए कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया।
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क्या पाकिस्तान की परमाणु धमकी से अमेरिका चिंतित है? जानें माइकल रुबिन की प्रतिक्रिया

US-Pakistan: अमेरिका की चिंता

US-Pakistan: अमेरिका के पूर्व पेंटागन अधिकारी माइकल रुबिन ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर द्वारा अमेरिका यात्रा के दौरान दी गई 'परमाणु धमकी' पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। रुबिन ने इसे पूरी तरह से अस्वीकार्य करार देते हुए जनरल मुनीर की टिप्पणियों को 9/11 के हमलों के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन की याद दिलाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि अमेरिका के लिए पाकिस्तान से इस तरह की धमकियां गंभीर चिंता का विषय हैं, और यह सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तान एक जिम्मेदार राष्ट्र के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन कर सकता है, या फिर इसके अस्तित्व पर पुनर्विचार का समय आ गया है।


माइकल रुबिन की टिप्पणी

माइकल रुबिन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अमेरिकी धरती पर पाकिस्तान की धमकियां पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जनरल मुनीर की बातें ओसामा बिन लादेन से सुनी गई बातों की याद दिलाती हैं। रुबिन ने यह स्पष्ट किया कि अमेरिकी आतंकवाद को एक शिकायत के नजरिए से देखते हैं और वे कई आतंकवादियों की वैचारिक बुनियाद को नहीं समझते हैं।


परमाणु धमकी का संदर्भ

यह टिप्पणी फ्लोरिडा के टाम्पा में आयोजित एक कार्यक्रम के बाद आई, जहां जनरल असीम मुनीर ने परमाणु हथियारों की चेतावनी देते हुए कहा था, 'हम एक परमाणु संपन्न राष्ट्र हैं। अगर हमें लगता है कि हम नीचे जा रहे हैं, तो हम आधी दुनिया को अपने साथ नीचे ले जाएंगे।'


कड़ी कूटनीतिक कार्रवाई की आवश्यकता

पूर्व पेंटागन अधिकारी ने कहा कि अमेरिका को पाकिस्तान को एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी मानने का कोई कारण नहीं है; पाकिस्तान को आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देश के रूप में सूचीबद्ध किया जाना चाहिए। इसके अलावा, उन्हें अमेरिकी सेंट्रल कमांड का सदस्य नहीं होना चाहिए। असीम मुनीर को अमेरिका में अवांछित व्यक्ति माना जाना चाहिए और किसी भी पाकिस्तानी अधिकारी को तब तक अमेरिकी वीजा नहीं मिलना चाहिए जब तक पाकिस्तान अपनी सफाई नहीं देता और माफी नहीं मांगता।


भारत का कड़ा रुख

भारत के विदेश मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि ये टिप्पणियां पाकिस्तान की परमाणु कमान और नियंत्रण की अखंडता पर संदेह को उजागर करती हैं, खासकर इस तथ्य को देखते हुए कि सैन्य प्रतिष्ठान आतंकवादी समूहों के साथ सांठगांठ रखता है। भारत ने अपने रुख को दोहराते हुए कहा कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए हर आवश्यक कदम उठाता रहेगा।