क्या भारत-अमेरिका संबंधों में आएगा नया मोड़? माइकल रूबिन की चेतावनी

भारत पर माइकल रूबिन की टिप्पणी
अमेरिका और रूस के बीच अलास्का में होने वाली आगामी वार्ता से पहले, भारत के प्रति अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चर्चाएँ बढ़ गई हैं। इस संदर्भ में, पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रूबिन ने भारत के समर्थन में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के अधिकारों के प्रति उठाया गया कदम भारत और अमेरिका के रिश्तों में एक ऐतिहासिक बदलाव के रूप में देखा जाएगा। रूबिन ने यह भी उल्लेख किया कि जब इतिहास लिखा जाएगा, तो यह स्पष्ट होगा कि अमेरिका ने भारत को हल्के में नहीं लिया जा सकता।
अमेरिका की नीति पर सवाल उठाते हुए
रूबिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना करते हुए कहा कि ट्रंप का भारत को निशाना बनाना गलत है। उन्होंने अमेरिका की ऊर्जा नीति पर भी सवाल उठाए, यह बताते हुए कि अमेरिका खुद रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड और अन्य महत्वपूर्ण खनिजों की खरीद करता है, जबकि दूसरों को रूस से व्यापार न करने की सलाह देता है। उनके अनुसार, अमेरिका अज़रबैजान से गैस आयात को आदर्श बताता है, जबकि असल में इसकी आपूर्ति रूस और ईरान से होती है। उन्होंने कहा कि भारत का अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना पूरी तरह से उचित है और इससे भारत-अमेरिका संबंध और मजबूत होंगे।
ट्रंप की सोच पर कटाक्ष
अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर चर्चा करते हुए, माइकल रूबिन ने ट्रंप की सोच पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ट्रंप एक व्यापारी हैं, जो 'सौदेबाज़ी की सोच' से अंतरराष्ट्रीय कूटनीति को देखते हैं। रूबिन के अनुसार, ट्रंप यह नहीं समझते कि एक खराब शांति समझौता कभी-कभी युद्ध को और बढ़ावा दे सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप की वैश्विक महत्वाकांक्षा नोबेल शांति पुरस्कार जीतने तक सीमित है, जो उनकी निर्णय-शक्ति को प्रभावित कर रही है।
पाकिस्तान पर तीखी टिप्पणी
माइकल रूबिन ने पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष आसिम मुनीर की तुलना सीधे ओसामा बिन लादेन से की। उन्होंने कहा, "आसिम मुनीर केवल एक सूट में लादेन हैं। पाकिस्तान को दी जाने वाली कोई भी रियायत उसकी सोच या उस वर्ग की मानसिकता को नहीं बदल सकती जिसे वह प्रतिनिधित्व करता है।"
पाकिस्तान को परमाणु खतरा बताया
रूबिन ने चेतावनी दी कि पाकिस्तान का विश्व को परमाणु हथियारों की धमकी देना यह दर्शाता है कि वह अब एक वैध राष्ट्र कहलाने का अधिकार खो चुका है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि आने वाले अमेरिकी प्रशासन को पाकिस्तान में जाकर वहां के परमाणु हथियारों को सुरक्षित करना चाहिए, क्योंकि यदि ऐसा नहीं किया गया तो इसके परिणाम दुनिया के लिए अत्यंत घातक हो सकते हैं।