क्या भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम 2025 में बना नया मील का पत्थर?
भारत में स्टार्टअप्स का नया युग
नई दिल्ली: आज के युवा केवल नौकरी की तलाश में नहीं हैं, बल्कि वे अब रोजगार देने वालों की कतार में भी मजबूती से खड़े हो गए हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है भारत का तेजी से विकसित होता स्टार्टअप इकोसिस्टम, जिसने वर्ष 2025 में एक नया इतिहास रच दिया है।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल द्वारा साझा किए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 2025 में देश में 44,000 से अधिक नए स्टार्टअप्स को सरकारी मान्यता प्राप्त हुई है। यह संख्या 'स्टार्टअप इंडिया' पहल की शुरुआत के बाद किसी एक वर्ष में अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इसके साथ ही, भारत में सरकारी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स की कुल संख्या 2 लाख के पार पहुंच गई है।
स्टार्टअप इंडिया की ऐतिहासिक उपलब्धि
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की कि 2025 भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष साबित हुआ है। एक ही वर्ष में 44,000 से अधिक स्टार्टअप्स को मान्यता मिलना इस बात का संकेत है कि देश में उद्यमिता का माहौल लगातार मजबूत हो रहा है और युवा नवाचार की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
सरकारी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स की संख्या
'स्टार्टअप इंडिया' पहल के तहत अब तक कुल 2 लाख से अधिक स्टार्टअप्स को सरकार की मान्यता मिल चुकी है। यह आंकड़ा न केवल भारत की आर्थिक क्षमता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि स्टार्टअप्स अब देश की विकास कहानी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुके हैं।
महिला नेतृत्व की बढ़ती भागीदारी
इस सफलता को और भी खास बनाता है महिला नेतृत्व की बढ़ती भागीदारी। पीयूष गोयल के अनुसार, 2025 में शुरू हुए नए स्टार्टअप्स में से लगभग 48 प्रतिशत में कम से कम एक महिला निदेशक या भागीदार शामिल हैं। यह आंकड़ा भारतीय उद्यमिता में महिलाओं की मजबूत होती भूमिका और उनके बढ़ते योगदान को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
भारतीय उद्यमिता में नारी शक्ति का प्रभाव
लगभग आधे स्टार्टअप्स में महिलाओं की मौजूदगी यह संकेत देती है कि भारत में उद्यमिता अब अधिक समावेशी हो रही है। महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स न केवल नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
